थिएटर ओलम्पिक का आयोजन भारत में होने की घोषणा संस्कृति मंत्री महेश शर्मा ने की. उनके साथ हैं राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय (एनएसडी) के अध्यक्ष रतन थियम और निदेशक वामन केंद्रे.
नई दिल्ली:
विश्व में थिएटर के बड़े आयोजनों में से एक थिएटर ओलम्पिक के आठवें संस्करण का आयोजन भारत में होगा. राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय में हुए एक कार्यक्रम में इसकी घोषणा केंद्रीय संस्कृति मंत्री ने की. अगले साल यानी 2018 में 17 फरवरी से 8 अप्रैल के बीच एक साथ देश के कई शहरों में इस ओलम्पिक का आयोजन किया जाएगा.
थिएटर ओलम्पिक में देश-विदेश की 500 से अधिक नाट्य प्रस्तुतियां और 700 से अधिक एम्बिएंस परफार्मेंस होंगी. इसके साथ थिएटर से जुड़ी कार्यशालाएं व्याख्यान और सेमीनार भी होंगे. ओलम्पिक में विश्व रंगमंच की हस्तियां और थिएटर समूह भाग लेंगे. भारत के संस्कृति मंत्रालय के सहयोग से राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय का यह आयोजन भारत को रंगमंच के मानचित्र पर एक नई पहचान देगा.
संस्कृति मंत्री महेश शर्मा ने कहा कि “आठवां थिएटर ओलम्पिक भारत के सांस्कृतिक इतिहास में मील का पत्थर होगा, संस्कृति मंत्रालय इस आयोजन के लिए हर सहायता देने के लिए प्रतिबद्ध है. हम पीएम से इसके उद्घाटन समारोह में भाग लेने का आग्रह भी करेंगे.”
राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के अध्यक्ष रतन थियम ने कहा कि यह आनंददायक अनुभव है कि भारत में यह प्रतिष्ठित समारोह होगा. भारत रंगमंच में अपने नवाचारों और समृद्ध सांस्कृतिक धरोहरों के लिए जाना जाता है. यह मंच दुनिया और भारत के रंग समूहों को एक-दूसरे को देखने के लिए एक मंच उपलब्ध कराएगा. उन्होंने कहा कि रंगमंच ऐसा आधुनिक सेतु बन सकता है जहां अतीत, वर्तमान और भविष्य मिले और महत्त्वपूर्ण मुद्दों, जीवन की जटिलताओं, सौंदर्य और दार्शनिक चिंताओं पर बहस संभव हो सके.
राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के निदेशक वामने केंद्रे ने कहा कि इतने बड़े उत्सव का आयोजन गर्व का विषय है. हम एक बेहतर मेजबान बनने की कोशिश करेंगे और इसे सफल बनाने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे.
थिएटर ओलम्पिक की परिकल्पना ग्रीक निर्देशक थिएडोरस टेरजोपोलोस ने की थी जो इंटरनेशनल कमेटी ऑफ थिएटर ओलम्पिक के अध्यक्ष भी हैं. ओलम्पिक की शुरुआत वैसे तो ग्रीस के डेल्फी में अंतरराष्ट्रीय नाट्य महोत्सव के रूप में हुई थी जिसका उद्देश्य थिएटर की विविधता और उसकी समृद्ध धरोहर, पारम्परिक और प्रयोगात्मक रंगमंच को एक जगह एक मंच पर उपलब्ध कराना था. पहले थिएटर ओलम्पिक का विधिवत आयोजन 1995 ग्रीस में हुआ था. सन 1999 में दूसरे ओलम्पिक की मेजबानी की थी जापान ने. उसके बाद से यह ओलम्पिक इस्तांबुल, तुर्की, सिओल, चीन और पोलैंड में हो चुका है. भारत इस सूची में अगली कड़ी है. सन 2016 में पोलैंड में हुए ओलम्पिक की थीम ‘द वर्ल्ड ऐज प्लेस ऑफ ट्रुथ’थी.
यह भी पढ़ें - एनएसडी में आने के बाद मेरी बोलती बंद हो जाती है : एक्टर नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी
रतन थियम और वामन केंद्रे लंबे अरसे से इस आयोजन के लिए प्रयासरत थे. अब उन्हें अपने प्रयासों में सफलता मिली है. रतन थियम इंटरनेशनल कमेटी ऑफ थिएटर ओलम्पिक के सदस्य भी हैं जो कि यह आयोजन करती है. वैसे इस आयोजन में समूहों के भाग लेने की प्रक्रिया क्या होगी, वे कौन से शहर होंगे जहां इसका आयोजन होगा, प्रस्तुतियों का चयन कैसे होगा, इत्यादि बातें अभी स्पष्ट नहीं हुईं हैं.
थिएटर ओलम्पिक में देश-विदेश की 500 से अधिक नाट्य प्रस्तुतियां और 700 से अधिक एम्बिएंस परफार्मेंस होंगी. इसके साथ थिएटर से जुड़ी कार्यशालाएं व्याख्यान और सेमीनार भी होंगे. ओलम्पिक में विश्व रंगमंच की हस्तियां और थिएटर समूह भाग लेंगे. भारत के संस्कृति मंत्रालय के सहयोग से राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय का यह आयोजन भारत को रंगमंच के मानचित्र पर एक नई पहचान देगा.
संस्कृति मंत्री महेश शर्मा ने कहा कि “आठवां थिएटर ओलम्पिक भारत के सांस्कृतिक इतिहास में मील का पत्थर होगा, संस्कृति मंत्रालय इस आयोजन के लिए हर सहायता देने के लिए प्रतिबद्ध है. हम पीएम से इसके उद्घाटन समारोह में भाग लेने का आग्रह भी करेंगे.”
राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के अध्यक्ष रतन थियम ने कहा कि यह आनंददायक अनुभव है कि भारत में यह प्रतिष्ठित समारोह होगा. भारत रंगमंच में अपने नवाचारों और समृद्ध सांस्कृतिक धरोहरों के लिए जाना जाता है. यह मंच दुनिया और भारत के रंग समूहों को एक-दूसरे को देखने के लिए एक मंच उपलब्ध कराएगा. उन्होंने कहा कि रंगमंच ऐसा आधुनिक सेतु बन सकता है जहां अतीत, वर्तमान और भविष्य मिले और महत्त्वपूर्ण मुद्दों, जीवन की जटिलताओं, सौंदर्य और दार्शनिक चिंताओं पर बहस संभव हो सके.
राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के निदेशक वामने केंद्रे ने कहा कि इतने बड़े उत्सव का आयोजन गर्व का विषय है. हम एक बेहतर मेजबान बनने की कोशिश करेंगे और इसे सफल बनाने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे.
थिएटर ओलम्पिक की परिकल्पना ग्रीक निर्देशक थिएडोरस टेरजोपोलोस ने की थी जो इंटरनेशनल कमेटी ऑफ थिएटर ओलम्पिक के अध्यक्ष भी हैं. ओलम्पिक की शुरुआत वैसे तो ग्रीस के डेल्फी में अंतरराष्ट्रीय नाट्य महोत्सव के रूप में हुई थी जिसका उद्देश्य थिएटर की विविधता और उसकी समृद्ध धरोहर, पारम्परिक और प्रयोगात्मक रंगमंच को एक जगह एक मंच पर उपलब्ध कराना था. पहले थिएटर ओलम्पिक का विधिवत आयोजन 1995 ग्रीस में हुआ था. सन 1999 में दूसरे ओलम्पिक की मेजबानी की थी जापान ने. उसके बाद से यह ओलम्पिक इस्तांबुल, तुर्की, सिओल, चीन और पोलैंड में हो चुका है. भारत इस सूची में अगली कड़ी है. सन 2016 में पोलैंड में हुए ओलम्पिक की थीम ‘द वर्ल्ड ऐज प्लेस ऑफ ट्रुथ’थी.
यह भी पढ़ें - एनएसडी में आने के बाद मेरी बोलती बंद हो जाती है : एक्टर नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी
रतन थियम और वामन केंद्रे लंबे अरसे से इस आयोजन के लिए प्रयासरत थे. अब उन्हें अपने प्रयासों में सफलता मिली है. रतन थियम इंटरनेशनल कमेटी ऑफ थिएटर ओलम्पिक के सदस्य भी हैं जो कि यह आयोजन करती है. वैसे इस आयोजन में समूहों के भाग लेने की प्रक्रिया क्या होगी, वे कौन से शहर होंगे जहां इसका आयोजन होगा, प्रस्तुतियों का चयन कैसे होगा, इत्यादि बातें अभी स्पष्ट नहीं हुईं हैं.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं