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This Article is From Jan 06, 2022

NEET-PG में EWS कोटा मामले में SC में सुनवाई, फोर्डा ने कहा- 'तीसरी लहर दे रही दस्तक, हमें डॉक्टरों की जरूरत'

सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि यह पहली बार नहीं है कि केंद्र ने OBC या EWS आरक्षण की शुरुआत की है. केंद्रीय शिक्षा संस्थानों में दाखिले के लिए OBC आरक्षण  के लिए OBC आरक्षण कानून 2006 मौजूद है.

NEET-PG में EWS कोटा मामले में SC में सुनवाई, फोर्डा ने कहा- 'तीसरी लहर दे रही दस्तक, हमें डॉक्टरों की जरूरत'
नीट-पीजी काउंसलिंग में ईडब्ल्यूएस कोटा मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:

नीट-पीजी काउंसलिंग में ईडब्ल्यूएस (आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग) कोटा मामले में दायर याचिका पर गुरुवार को फिर सुप्रीम कोर्ट में फिर सुनवाई शुरू हुई. इस मामले में फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (FORDA) की तरफ से भी अर्जी दी गई है. फोर्डा की ओर से कहा गया कि काउंसलिंग जल्द से जल्द शुरू करने की आवश्यकता है क्योंकि हम चिकित्सा कार्यबल की रीढ़ हैं. जमीनी स्तर पर जब कोविड की तीसरी लहर दरवाजे पर दस्तक दे रही है, हमें मैदान में डॉक्टरों की जरूरत है. इस पर जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि यह सिर्फ डॉक्टरों की नहीं बल्कि देश की चिंता है. आपकी चिंता को बेंच ने भी साझा किया है.

रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन के लिए सलाहकार अपूर्व करोल ने कहा कि 33 प्रतिशत कार्यबल काम पर नहीं गए हैं और जो काम कर रहे हैं वे भी ओमिक्रॉन के कारण अत्यधिक प्रभावित हो रहे हैं. जो भी फैसला लिया जाए, उसमें तेजी लाई जानी चाहिए.

याचिकाकर्ता के वकील अरविंद दातार की दलील
NEET PG में ईडब्ल्यूएस कोटे के मामले में याचिकाकर्ता के वकील अरविंद दातार ने अपनी दलील में कहा, "8 लाख की सीमा ज्यादा है और मनमानी है. उनको फायदा होगा, जो आर्थिक रूप से कमजोर नहीं हैं. जब वे क्रीमी लेयर को बाहर कर रहे हैं तो 8 लाख कैसे जायज है? वे कह रहे हैं कि उम्मीदवारों को घर पंजीकरण दस्तावेज/आय, संपत्ति प्रमाण पत्र दिखाने की जरूरत है. उम्मीदवारों को इतनी जल्दी सूचना पर दस्तावेज कहां से प्राप्त होंगे? वे पूरे देश पर एक फार्मूला थोपने की कोशिश कर रहे हैं जिसका कोई औचित्य नहीं है. सिंहो समिति की रिपोर्ट में विस्तृत अध्ययन किया गया था. आज की काउंसलिंग के लिए सिंहो कमेटी की रिपोर्ट के तहत वर्तमान में मौजूद फॉर्मूला लागू किया जाए. अगले साल नए EWS मानदंड पर विचार किया जा सकता है.

फोर्डा का पक्ष
NEET PG काउंसलिंग को लेकर FORDA की ओर से कहा गया, "हम वही हैं, जो हड़ताल पर गए थे. हर साल 45,000 डॉक्टरों को पीजी डॉक्टरों के रूप में मेडिकल वर्कफोर्स में शामिल किया जाता है. इस साल महामारी की वजह से परीक्षा देर से हुई थी और पहले साल अभी तक शामिल नहीं हुए हैं. काउंसलिंग जल्द से जल्द शुरू करने की आवश्यकता है क्योंकि हम चिकित्सा कार्यबल की रीढ़ हैं. जमीनी स्तर पर जब से कोविड की तीसरी लहर दरवाजे पर दस्तक दे रही है, हमें मैदान में डॉक्टरों की जरूरत है. आरक्षण के संबंध में जो भी संवैधानिक मुद्दे हैं, वे बाद में भी तय किए जा सकते हैं. 

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SG तुषार मेहता ने क्या कहा? 
सॉलिसिटर जनरल (SG) तुषार मेहता ने कहा कि ये नियम AIQ को छोड़कर 2019 से पहले से ही लागू है. काउंसलिंग की बुकलेट जारी करने की तिथि 29 जुलाई, 2021 थी. लागू आरक्षण क्या होगा, काउंसलिंग के समय सूचित किया जाएगा. जब मैं परीक्षा देता हूं, तो मुझे अपना सर्वश्रेष्ठ देना होता है और उस समय आरक्षण पर विचार नहीं किया जाता. भले ही हम 23 फरवरी को कहते हैं कि NEET PG सीटों में दाखिला आरक्षण के अनुसार होगा. यह स्पष्ट करता है कि यह केवल परीक्षा की अधिसूचना है

सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि यह पहली बार नहीं है कि केंद्र ने OBC या EWS आरक्षण की शुरुआत की है. केंद्रीय शिक्षा संस्थानों में दाखिले के लिए OBC आरक्षण  के लिए OBC आरक्षण कानून 2006 मौजूद है.

दोपहर 1.30 बजे सुनवाई फिर शुरू हुई. इस दौरान, SG तुषार मेहता ने कहा कि OBC  27 प्रतिशत और EWS 10 फीसदी आरक्षण 31 जनवरी, 2019 से है. ये पहले ही लागू कर दिया है और सभी दाखिले इसी आधार पर  हो चुके हैं. सभी UPSC परीक्षा 27% OBC और 10% EWS के साथ हो रही हैं. जस्टिस चंद्रचूड़ ने पूछा- तो आप कहते हैं कि अगर आरक्षण की अनुमति नहीं दी गई  तो कुछ भेदभाव होगा. 

तुषार मेहता ने कहा कि संविधान का अनुच्छेद 15(5) UGऔर PG  में अंतर नहीं करता है. यह कहता है कि राज्यों में सामाजिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़े वर्ग के लिए आरक्षण हो सकता है. ओबीसी आरक्षण की संवैधानिक रूप से अनुमति है और यह संवैधानिक अनिवार्यता है और इसे UG और PG दोनों दाखिले में लागू किया जा सकता है. सुप्रीम कोर्ट का कोई फैसला दूर से यह नहीं कहता है कि PG  में कोई आरक्षण नहीं हो सकता.

सॉलिसिटर जनरल ने स्काटिश कवि का हवाला दिया
सॉलिसिटर जनरल ने हल्के-फुल्के अंदाज में  स्काटिश कवि का हवाला दिया. उन्होंने कहा, "आंकड़ों की बात करते समय मुझे स्कॉटिश कवि की बात याद आ जाती है- कि आंकड़ों का उपयोग करना एक शराबी की तरह है, जो लैंप पोस्ट का उपयोग रोशनी से ज्यादा सपोर्ट के लिए करता है. अदालत को एक अलग दृष्टिकोण लेने की आवश्यकता नहीं है. जब हम एक अभ्यास में बैठते हैं, तो हमेशा एक बुद्धिमान सूचित विवेक होगा जो एक विकल्प लाएगा.

वीडियो: "अभी EWS कोटे में बदलाव नहीं": NEET-PG काउंसलिंग मामले में केंद्र का सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा

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