''दिल्ली में जो कुछ हुआ वो पूरी तरह कानून-व्यवस्था के खत्म होने की वजह से हुआ. मैं एक नागरिक हूं और सुकून से आम नागरिक के तौर पर जीना चाहता हूं. आम लोगों को भी यही चाहिए ताकि वो अपनी रोजी-रोटी के लिए काम कर सकें और शांति से रह सकें.'' दिल्ली के हालत पर NDTV से खास बातचीत में पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने यह बातें कही. पेश है बातचीत के मुख्य अंश.
NDTV - आपने जो दिल्ली में हालात देखे. आपका बयान था, दिल्ली में हुए दंगे को लेकर नेताओं की तरफ इशारा किया था. ये भी कहा था कि केंद्र सरकार चाहती तो वह दंगा रुक सकता था. तो क्या आप अपने इस बयान पर अब भी कायम हैं?
हामिद अंसारी - हमने केंद्र सरकार की बात नहीं की है. मैंने सरकार की बात की है जो भी दिल्ली में एडमिनिस्ट्रेटिव कंट्रोल रखता हो उसको करना चाहिए था.
NDTV - दिल्ली के अंदर आपने जो हालात देखे उससे आप क्या समझ रहे हैं?
हामिद अंसारी - ब्रेकडाउन ऑफ लॉ एंड ऑर्डर.
NDTV - जिस तरह आपने जिक्र किया था कि पुलिस पब्लिक के साथ पथराव कर रही थी. यहां उस तरह से उनके साथ शामिल थी. तो आपका नजरिया एक आम आदमी की तरह क्या है?
हामिद अंसारी - मैंने जो विजुअल देखा, टेलीविजन चैनल पर पर देखा, बुलेटिन में देखा, इंटरनेशनल टीवी चैनलों पर पर देखा. वही हमने बताया. हमने वही बताया, मैंने कोई चीज क्रिएट नहीं की. मुझे नहीं मालूम सड़क पर क्या हो रहा है. मैंने आप लोगों की कवरेज है वह देखा उसको बयां किया.
NDTV - यह भी देखा होगा कि कुछ मंदिरों के आगे मुसलमानों ने बैठकर उसकी हिफाजत की. एक बहुत बड़ा मैसेज गया कि कोई अमन को खराब नहीं कर सकता.
हामिद अंसारी- भाईचारे का ट्रेडिशन हमारे यहां बहुत पुराना है. मिलजुलकर रहना एक-दूसरे की इज्जत करना, एक दूसरे के त्योहारों में शरीक होना. यह कोई नई चीज नहीं है. यह कल की इजात नहीं है, सैकड़ों साल, हजारों साल का ट्रेडिशन रहा है और मिलजुलकर रहते हैं.
NDTV - दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग के चेयरमैन डॉक्टर जफरुल इस्लाम साहब ने दिल्ली में जो दंगे को गोधरा दंगे से जोड़ा था, आप उनके बयान से सहमत हैं?
हामिद अंसारी - जफर इस्लाम साहब मेरे दोस्त हैं. मैं उनके कहने पर कमेंट नहीं करता हूं. उनके व्यूज अपनी जगह पर हैं, मेरे व्यूज अपनी जगह पर हैं.
NDTV- आपने कहा कि शांति के तौर पर प्रदर्शन करना अधिकार है लोगों का. शाहीन बाग में 80 दिनों से ज्यादा अरसे से लोग बैठे हुए हैं और इस 80 दिन के बीच केंद्र सरकार से कोई भी वहां नहीं पहुंचा.
हामिद अंसारी - ये आप सरकार पर छोड़ दीजिए. मैं क्यों बताऊं कि सरकार को क्या करना चाहिए या नहीं करना चाहिए.
NDTV- शाहीन बाग प्रोटेस्ट जैसे और भी जगह पर प्रदर्शन हो रहे हैं, आप क्या सोचते हैं?
हामिद अंसारी- शांतिपूर्वक प्रदर्शन करना कानूनी हक है, कहीं भी मुल्क में.
NDTV - कोरोला वायरस को लेकर एक दहशत का माहौल है आप कुछ कहना चाहेंगे.
हामिद अंसारी - दहशत होगी, जाहिर बात है. ऐसी बीमारी फैलेगी तो किसी को सिलेक्ट तो करती नहीं है. किसी की भी बारी आ सकती है. इसकी हो या उसकी हो, तो चिंता होती है. तो सारी दुनिया में चिंता है. जापान से लेकर अमेरिका तक चिंता हो रही है तो लाज़मी है. हमारे यहां भी चिंता है. बहुत से देशों में यह हो रहा है. सऊदी में हो रहा है. ईरान में है. अमेरिका में है, इटली में है और जगह पर है. यह बीमारी है और इस बीमारी से बचना चाहिए सबको.
NDTV - दिल्ली में अब जिंदगी वापस लौट रही है, आप कोई मैसेज देना चाहते हैं?
हामिद अंसारी -मैं नागरिक हूं. मैं सुकून से नागरिक के तौर पर रहना चाहता हूं. आम लोगों को भी यही चाहिए. और रोज का जो धंधा है, वह उस धंधे को करना चाहता है. मैं भी जो रोज का काम है अपने रोज की जो रुटीन है उस पर दोबारा ठीक से पुरअमन तौर पर रहना चाहता हूं.
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