नई दिल्ली:
वरिष्ठ कांग्रेस नेता नारायण दत्त तिवारी बुधवार को दिल्ली उच्च न्यायालय के समक्ष उपस्थित होंगे और डीएनए जांच के लिए अपने रक्त का नमूना देंगे, क्योंकि 31 वर्षीय एक युवक ने खुद को उनका बेटा होना का दावा किया है। अदालत के संयुक्त रजिस्ट्रार ने इससे पहले तिवारी, दावा करने वाले युवक रोहित शेखर और उसकी मां उज्ज्वला शर्मा को एक जून को अदालत की डिस्पेंसरी में उपस्थित होकर डीएनए जांच के लिए रक्त का नमूना देने के लिए कहा था। अदालत ने कांग्रेस नेता एवं मां-बेटे दानों से डीएनए जांच पर होने वाला खर्च वहन करने को कहा था। यह जांच हैदराबाद स्थित सेंटर फॉर डीएनए, फिंगरप्रिंट एवंड डायग्नोस्टिक्स (सीडीएफडी) में होगी। उज्ज्वला शर्मा ने कहा, "हम तीनों एक जून को दोपहर के भोजन के बाद संयुक्त रजिस्ट्रार दीपक गर्ग के समक्ष उपस्थित होंगे।" गौरतलब है कि अदालत ने पिछले वर्ष 23 दिसम्बर को 85 वर्षीय तिवारी की उस दलील को खारिज कर दिया था जिसमें उन्होंने कहा था कि उन्हें डीएनए जांच के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता। अदालत ने कहा था कि एक बच्चे को यह जानने का अधिकार है कि उसका पिता कौन है। पिछले वर्ष 12 जून को अदालत ने तिवारी की उस दलील को भी खारिज कर दिया था जिसमें उन्होंने शेखर द्वारा दायर की गई पितृत्व याचिका के कुछ अनुच्छेद हटाने के एवज में 75,000 रुपये जुर्माना देने के शेखर के दावे को चुनौती दी थी।
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं
पितृत्व, डीएनए, जांच, रक्त नमूना, तिवारी