एक परफेक्ट एक्टर उसे माना जाता है जो हर किरदार को बखूबी निभाता है. चाहे वह कॉमेडी करना हो या खूंखार विलेन का किरदार ही निभाना क्यों ना हो. जब भी उन्हें कोई रोल दिया जाए वह उसमें इस कदर इंवॉल्व हो जाए की उसे रोल के साथ पूरी जस्टिस करें और दर्शकों को भी वह पसंद आए. ठीक इसी तरह से यह एक्टर भी हैं, जिन्होंने अपने करियर की शुरुआत तो एक खूंखार विलेन के रूप में की, लेकिन फिर अपनी कॉमेडी से भी दर्शकों को ऐसा गुदगुदाया की आज भी उनके वसूली भाई किरदार को खूब पसंद किया जाता है.
आइए आज हम आपको बताते हैं बॉलीवुड एक्टर मुकेश तिवारी की स्ट्रगल स्टोरी के बारे में कि कैसे उन्होंने अपनी पहली फिल्म में खूंखार विलेन बनने के लिए संघर्ष किया था.
ऐसा रहा मुकेश तिवारी का फिल्मी करियर
मुकेश तिवारी का जन्म मध्य प्रदेश के सागर में हुआ और उनके पिता एक ठेकेदार थे. लेकिन मुकेश को तो बड़ा एक्टर बनना था, जिसके चलते छठवीं क्लास से ही उन्होंने स्कूल में परफॉर्म करना शुरू कर दिया. आठवीं क्लास में उन्होंने हबीब तनवीर का नाटक देखा तो उन्होंने प्रण लिया कि वह भी एक एक्टर ही बनेंगे. फिर क्या था एनएसडी से एक्टिंग के गुर सीखने के बाद मुकेश ने मुंबई का रुख किया और फिल्म चाइना गेट से अपने करियर की शुरुआत की. इसके बाद हम पंछी एक डाल के, शरणार्थी , हवा, गंगाजल, हॉस्टल जैसी कई फिल्मों में उन्होंने काम किया. हालांकि, उनकी कॉमेडी फिल्म गोलमाल को भी खूब पसंद किया गया था, जिसमें उन्होंने वसूली भाई का किरदार निभाया था. कम लोग ही जानते हैं कि मुकेश तिवारी को क्रिकेट खेलने का भी बहुत शौक था और उन्होंने अंडर-19 क्रिकेट भी खेला था.
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