नई दिल्ली:
दिल्ली-NCR में प्रदूषण के मामले में NCR की फैक्ट्रियों ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर पेटकोक व फ्यूरेंस ऑयल के इस्तेमाल पर लगी रोक में राहत की मांग की. एनसीआर की फैक्ट्रियों ने कहा है कि पेटकोक व फ्यूरेंस ऑयल की जगह किसी दूसरे ईंधन के इस्तेमाल के लिए थोड़ा वक्त चाहिए.सुप्रीम कोर्ट अर्जी पर सुनवाई को तैयार है और 6 नवंबर को सुनवाई करेगा.
उच्चतम न्यायालय के निर्देश का पालन करेंगे : ममता ने आधार पर कहा
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान, हरियाणा और उत्तर प्रदेश सरकार को फैक्ट्रियों में पेटकोक व फ्यूरेंस ऑयल के इस्तेमाल पर ( एनसीआर में) रोक लगाने को कहा था. कोर्ट ने ये भी साफ किया है कि अगर सरकारें फेल हुई तो एक नवंबर से ये बैन लागू होगा.
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फैक्ट्रियों से निकलने वाले प्रदूषण के लिए मानक तय करने के मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने ये आदेश दिया था. वहीं पिछली सुनवाई में केंद्र सरकार के रवैए पर सुप्रीम कोर्ट ने जताई नाराजगी थी, सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय पर्यावरण एवं वन मंत्रालय (MOEF) पर लगाया दो लाख रुपये का जुर्माना लगाया था. कोर्ट ने मंत्रालय को कहा था कि हर चीज में देरी करते हैं, अब जरूरत है जागने की.
दरअसल, NCR में फैक्ट्रियों से निकलने वाले धुंए को लेकर मानक तैयार करने को लेकर CPCB ने इसी साल जून में मंत्रालय को ड्राफ्ट भेजा था लेकिन मंत्रालय ने इसे नोटिफाई करने के लिए चार महीने का वक्त ले लिया और 23 अक्तूबर को ड्राफ्ट नोटिफिकेशन अपलोड किया किया।दरअसल पेटकोक और फ्लूरेंस आयल दिल्ली में बैन हैं लेकिन NCR में इन पर रोक नहीं है. इसी पर सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जताई और कहा कि अभी तक फाइनल नोटिफिकेशन क्यों नहीं जारी किया.
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इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान, हरियाणा और उत्तर प्रदेश सरकार को फैक्ट्रियों में पेटकोक व फ्यूरेंस ऑयल के इस्तेमाल पर ( एनसीआर में) रोक लगाने को कहा था. कोर्ट ने ये भी साफ किया है कि अगर सरकारें फेल हुई तो एक नवंबर से ये बैन लागू होगा.
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फैक्ट्रियों से निकलने वाले प्रदूषण के लिए मानक तय करने के मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने ये आदेश दिया था. वहीं पिछली सुनवाई में केंद्र सरकार के रवैए पर सुप्रीम कोर्ट ने जताई नाराजगी थी, सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय पर्यावरण एवं वन मंत्रालय (MOEF) पर लगाया दो लाख रुपये का जुर्माना लगाया था. कोर्ट ने मंत्रालय को कहा था कि हर चीज में देरी करते हैं, अब जरूरत है जागने की.
दरअसल, NCR में फैक्ट्रियों से निकलने वाले धुंए को लेकर मानक तैयार करने को लेकर CPCB ने इसी साल जून में मंत्रालय को ड्राफ्ट भेजा था लेकिन मंत्रालय ने इसे नोटिफाई करने के लिए चार महीने का वक्त ले लिया और 23 अक्तूबर को ड्राफ्ट नोटिफिकेशन अपलोड किया किया।दरअसल पेटकोक और फ्लूरेंस आयल दिल्ली में बैन हैं लेकिन NCR में इन पर रोक नहीं है. इसी पर सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जताई और कहा कि अभी तक फाइनल नोटिफिकेशन क्यों नहीं जारी किया.
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