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This Article is From May 26, 2013

छ्त्तीसगढ़ नक्सली हमले की अब एनआईए करेगा जांच, केंद्र ने मांगी रिपोर्ट

नई दिल्ली/रायपुर: छत्तीसगढ़ में हुए नक्सली हमले की जांच अब एनआईए को सौंप दी गई है। एनडीटीवी को मिली जानकारी के अनुसार गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने इस सिलसिले में मुख्यमंत्री रमन सिंह से बात की। हालांकि रमन सिंह ने न्यायिक जांच के आदेश दे दिए हैं। उनका कहना है कि दोनों जांच साथ-साथ चलेगी।

इधर, कांग्रेस के काफिले पर हुए नक्सली हमले से आहत देश ने रविवार को चरम वामपंथियों की निंदा की। शनिवार को छत्तीसगढ़ में परिवर्तन रैली में हिस्सा लेकर लौट से कांग्रेस नेताओं के काफिले पर सुकमा जिले के घने जंगलों में नक्सलियों ने हमला कर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और नक्सल विरोधी अभियान सल्वा जुडूम का सूत्रपात करने वाले की हत्या कर दी। हमले में 30 लोग मारे गए और कई अन्य घायल हो गए।

अधिकृत सूत्रों ने रविवार को बताया कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इस घटना पर छत्तीसगढ़ सरकार से विस्तृत रिपोर्ट तलब की है। राज्य में इसी वर्ष के आखिर में विधानसभा चुनाव कराए जाने हैं।

मध्य भारत में 6 अप्रैल 2010 के बाद यह सबसे बड़ा नक्सली हमला है। नक्सलियों ने उस समय दंतेवाड़ा जिले में हमला कर केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) और राज्य पुलिस के करीब 75 सुरक्षाकर्मियों की हत्या कर दी थी।

सुकमा शहर से 35 किलोमीटर दूर हमले वाली जगह पर तलाशी अभियान शुरू किया गया है। यह इलाका राज्य के नक्सली हिंसा से प्रभावित बस्तर क्षेत्र में पड़ता है।

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के साथ छत्तीसगढ़ पहुंचे प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने मुख्यमंत्री रमन सिंह के साथ मिलकर स्थिति की समीक्षा की और नक्सलियों से निपटने में राज्य को सभी प्रकार की सहायता पहुंचाने की पेशकश की।

हमले पर चिंता जताते हुए राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा कि देश इस प्रकार के कारनामों से धौंस में नहीं आने वाला।

उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी ने कहा कि आतंकवाद और हिंसा से जंग छेड़ी जानी चाहिए और उसे उखाड़ फेंका जाना चाहिए।

प्रधानमंत्री ने कहा, "नक्सल चरमपंथ से लड़ने के लिए हमें और प्रतिबद्ध होना चाहिए। ये जिंदगियां यूं ही व्यर्थ नहीं जाए। इस घटना को चरमपंथ और हिंसा से हमारी लड़ाई के लिए एक प्रेरणा के रूप में लिया जाए।"

कांग्रेस अध्यक्ष सोनियां गांधी ने पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा, "यह एक कायरतापूर्ण कार्रवाई है। यह कांग्रेस या उसके नेताओं पर हमला नहीं है, बल्कि लोकतांत्रिक मूल्यों पर हमला है।"

कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने घटना को देश के विचार पर हमला करार दिया।

प्रधानमंत्री और कांग्रेस अध्यक्ष ने हमले में मारे गए प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार पटेल और उनके बेटे दिनेश पटेल को श्रद्धांजलि दी। हमले में जिंदा बचे लोगों के मुताबिक नक्सलियों ने पहले दोनों का अपहरण किया और फिर जंगल में ले जाकर गोली मार दी।

नक्सलियों द्वारा की गई क्रूरता के बारे में एक बचे हुए व्यक्ति ने बताया कि काफिले में नक्सल विरोधी अभियान सलवा जुडूम शुरू करने वाले महेंद्र कर्मा को देखते हुए नक्सली नाचने लगे और फिर उसके बाद कर्मा की हत्या कर दी। जब वे गिर पड़े तब एक नक्सली ने उनके सिर पर बोनेट से वार किया।

नक्सलियों ने नेताओं के गनमैनों को जमीन पर लिटा दिया और एक-एक कर उनके पैरों में गोली मार दी और फिर उनसे भाग निकलने के लिए कहा। सभी गनमैनों के हथियार भी नक्सलियों ने लूट लिए।

राज्य में सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने भी हमले की निंदा की है।

भाजपा नेता एलके आडवाणी ने हमले को अत्यंत दुस्साहसपूर्ण बताते हुए नक्सली हिंसा से निपटने में सभी से एकजुट होने का आह्वान किया।

सामाजिक कार्यकर्ता स्वामी अग्निवेश ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह और राज्यपाल शेखर दत्त को पद से हटाए जाने की मांग की है।

इस बीच हमले में घायल वरिष्ठ कांग्रेसी नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री विद्याचरण शुक्ल की हालत गंभीर बनी हुई है। उन्हें कई गोलियां लगी हैं और उन्हें इलाज के लिए गुड़गांव के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, सोनिया गांधी और आडवाणी ने अस्पताल जाकर शुक्ल का हालचाल लिया।
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