
छत्तीसगढ़ के नारायणपुर में बुधवार को सुरक्षा बलों के साथ हुई मुठभेड़ में नंबाल्ला केशव राव उर्फ बसवराजू की मौत हो गई. अपने इस ऑपरेशन नारायणपुर की कामयाबी के बारे में बात करते हुए डीजीपी ने कहा कि मार्च 2026 तक नक्सलवाद का अंत करेंगे. बता दें कि बसवराजू प्रतिबंधित भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) का महासचिव था. उसने गणपति के बाद यह जिम्मेदारी संभाली थी. बसवराजू की मौत को नक्सलियों के लिए बड़ी क्षति बताया जा रहा है. गृहमंत्री अमित शाह ने इस ऑपरेशन को लेकर बुधवार को बताया कि पिछले तीन दशक में यह पहली बार है कि सुरक्षा बलों ने नक्सलियों के साथ लड़ाई में महासचिव स्तर के किसी पदाधिकारी को मार गिराया है.
कब और कहां हुई मुठभेड़
छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले में अबूझमाड़ के जंगल में बुधवार सुबह सुरक्षाबलों के साथ हुई मुठभेड़ में 27 नक्सली मारे गए थे. सुरक्षा बलों ने सभी 27 शव बरामद कर लिए हैं. इस मुठभेड़ में जो नक्सली मारे गए उनमें 1.5 करोड़ का इनामी बसवराजू भी शामिल है. 70 साल का बसवराजू आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम जिले के एक गांव का रहने वाला था. उसने 1980 के दशक में तेलंगाना के वारंगल के रिजनल इंजीनियरिंग कॉलेज (आरईसी)से पढ़ाई की थी. जब वह आरईसी में पढ़ाई कर रहा था तो उसने रेडिकल स्टूडेंट यूनियन के बैनर तले कॉलेज छात्र संघ का चुनाव भी लड़ा था. इस चुनाव में उसे छात्र संघ का अध्यक्ष चुना गया था.
बसवराजू का पुराने नाम नंबाल्ला केशव राव था. वह 1985 के आसपास भूमिगत हो गया था. उस समय वह पीपुल्स वार ग्रुप (पीडब्लूजी) का सदस्य था. उस समय वह संगठन के सभी बड़े अभियानों में शामिल रहता था. इस वजह से पार्टी में उसका प्रमोशन भी खूब हुआ.
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