नई दिल्ली:
Punjab Congress infighting: पंजाब में कांग्रेस में अंदरूनी कलह (Punjab congress crisis) बढ़ने के बीच राज्य के प्रमुख कांग्रेस नेता और पूर्व क्रिेकेटर नवजोत सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) ने आज दिल्ली में पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) से मुलाकात की. इस बैठक में राहुल गांधी और कांग्रेस महासचिव हरीश रावत भी मौजूद रहे.
पंजाब कांग्रेस में कलह के घटनाक्रम से जुड़ी 10 बातें
- समझा जाता है कि पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह अपने 'विरोधी' नवजोत सिद्धू को सुनील जाखड़ के स्थान पर राज्य पार्टी अध्यक्ष बनाने के पार्टी नेतृत्व की योजना से सहमत नहीं हैं.
- गुरुवार को उस समय सियासी सरगर्मियां और तनाव बढ़ गया जब सिद्धू के संभावित प्रमोशन और पंजाब कैबिनेट में 'हलचल' की खबरें सामने आईं. रात 9 बजे के करीब अमरिंदर और सिद्धू खेमे के विधायकों ने एकत्र होकर अलग अलग बैठक कीं.सीएम अमरिंदर अपने समर्थक पार्टी विधायकों और सांसदों के साथ अपने मोहाली स्थित फॉर्महाउस गए.
- नवजोत सिद्धू ने तीन कैबिनेट मंत्रियों सहित छह विधायकों के साथ बैठक की, जिसमें सुखजिंदर सिंह रंधावा, चरनजीत सिंह चन्नी व तृप्त राजिंदर बाजवा शामिल थे, जिन्होंने खुले तौर पर अमरिंदर के खिलाफ बागी तेवर अपनाए हैं.
- सूत्रों ने यह भी कहा कि बागी मंत्रियों को लगता है कि उन्हें बर्खास्त कर दिया जाएगा. वे बागी विधायकों के साथ सामूहिक इस्तीफे की धमकी दे रहे हैं.
- हालांकि कांग्रेस की तरफ से आधिकारिक तौर पर अभी घोषणा नहीं की गई है कि सिद्धू को पंजाब कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया जाएगा. लेकिन सूत्रों ने कहा कि वह राज्य के पार्टी प्रमुख सुनील जाखड़ की जगह ले सकते हैं.
- इसके साथ ही दो अन्य नेताओं, जिसमें एक दलित समुदाय से और दूसरा एक हिंदू चेहरे को कार्यकारी अध्यक्ष नामित किए जाने की संभावना है.
- पिछले महीने विधायकों द्वारा इस मुद्दे को हल करने के लिए पार्टी प्रमुख सोनिया गांधी द्वारा गठित तीन सदस्यीय समिति के सामने रखी गई मांगों में दलित समुदाय का प्रतिनिधित्व काफी अहम मांग थी.
- अन्य मांगों और असंतोष के बिंदुओं में अमरिंदर सिंह के नेतृत्व के साथ-साथ 2015 का बेअदबी मामला और शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन के दौरान पुलिस फायरिंग भी शामिल है.
- गौरतलब है कि अमरिंदर सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू के बीच 2017 के राज्य चुनावों के बाद से विवाद चल रहा है.
- बीजेपी से कांग्रेस में शामिल हुए सिद्धू को उपमुख्यमंत्री बनाए जाने की उम्मीद थी. लेकिन इस कदम को कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कथित तौर पर विफल कर दिया था.