उत्तर प्रदेश के कानपुर (Kanpur) की एक बस्ती में मुस्लिम शख्स के साथ हुई मारपीट और जबरन धार्मिक नारे लगवाने के मामले में राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग ने संज्ञान लिया है और कानपुर पुलिस कमिशनर को नोटिस जारी किया है. नोटिस में पूछा गया है कि आरोपियों के ख़िलाफ़ क्या कार्रवाई हुई है? आयोग ने उन पुलिसकर्मियों पर की गई कार्रवाई का भी डिटेल्स मांगा है जो मुस्लिम शख्स के साथ होने वाली मारपीट के समय तमाशा देख रहे थे.
आयोग ने वायरल वीडियो के आधार पर पूछा है कि जो वीडियो में जो भी लोग नजर आ रहे हैं उनका कोई बयान दर्ज किया गया है या नहीं? आयोग ने कानपुर पुलिस कमिश्नर असीम अरुण को जल्दी ही सब सवालों के जवाब देने का आदेश दिया है.
आयोग की तरफ से निदेशक ए धनलक्ष्मी ने कानपुर पुलिस कमिश्नर को पत्र लिखा है और सात सवालों के जवाब मांगे हैं. धनलक्ष्मी ने लिखा है कि आयोग के उपाध्यक्ष ने मीडिया में आई खबरों पर स्वत: संज्ञान लिया है. आयोग ने पीड़ित शख्स की बच्ची की मानसिक दशा पर भी रिपोर्ट तलब किया है.
बता दें कि कानपुर में कल कुछ अतिवादी लोगों ने सरेआम एक मुस्लिम रिक्शेवाले को पीटते हुए 'जयश्री राम' के नारे लगवाए थे और सड़क पर उसका जुलूस निकाला था. जिस वक्त रिक्शेवाले के साथ ये सबकुछ हो रहा था उस वक्त उसकी बच्ची भी साथ थी. पिटते हुए अपने पिता को बचाने के लिए उसकी बच्ची लिपटकर रोती रही लेकिन धर्म के नाम पर यह सब करने वालों को उस पर रहम नहीं आया.
कानपुर पुलिस के मुताबिक, मारपीट व अपमान की इस घटना के तीन मुख्य आरोपी राजेश बैंड वाला,अमन गुप्ता और राहुल कुमार को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. बाकी अभियुक्तों की गिरफ्तारी के लिए दबिशें दी जा रही हैं.
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