नेशनल हेराल्ड मामले में सोनिया गांधी और राहुल गांधी निशाने पर हैं (फाइल फोटो)
लखनऊ: हाल ही में कांग्रेस जिस अख़बार की वजह से विवादों में घिरा रहा, उसकी प्रकाशक कंपनी बदले हुए अवतार के साथ सामने आने वाली है। विवादित ‘नेशनल हेराल्ड’ समाचार पत्र समूह की प्रकाशक कम्पनी एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) ने अपने स्वरूप में बदलाव करते हुए गैर व्यवसायिक कम्पनी बनने का फैसला किया है। यह फैसला कम्पनी के शेयर धारकों की विशेष आमसभा में लिया गया है।
इस काम के लिए शेयर धारकों की सहमति जरूरी थी और विशेष आम सभा की तीन घंटे चली बैठक के बाद कम्पनी के प्रबंध निदेशक मोतीलाल वोरा ने बताया कि शेयर धारकों ने कंपनी के स्वरूप को बदलते हुए इसे गैर व्यवसायिक स्वरूप प्रदान करने के लिए कई प्रस्तावों पर विचार के बाद अपनी सहमति प्रदान कर दी है। वोरा ने यह भी बताया कि आम सभा में एजेएल का नाम बदलने और इसके प्रकाशनों को पुन: शुरू करने का भी फैसला लिया गया है।
बंद प्रकाशन शुरू होंगे
यह पूछे जाने पर कि कम्पनी के बंद प्रकाशन फिर कब से शुरू होंगे, वोरा ने बताया कि 2010 से ही प्रकाशनों को फिर से शुरू करने की कोशिश चल रही है। शेयर धारकों की विशेष आम सभा में लिए गये निर्णय उसी दिशा में उठाये गये कदम हैं। गौरतलब है कि धारा आठ के तहत वाणिज्य, कला, विज्ञान, खेल, शिक्षा, शोध, समाज कल्याण, धर्म, दान और पर्यावरण संरक्षण या किसी भी और कल्याणकारी उद्देश्य के लिये स्थापित उपक्रम आते हैं। ऐसी कम्पनियों की गतिविधियों से हासिल होने वाले मुनाफे को सिर्फ कम्पनी के उद्देश्यों की पूर्ति के काम में ही इस्तेमाल किया जा सकता है। धारा आठ की कम्पनी के शेयरधारकों को किसी तरह का लाभांश नहीं मिलता है।
गौरतलब है ऐसा आरोप है कि सोनिया और राहुल ने कांग्रेस पार्टी से लोन देने के नाम पर नेशनल हेराल्ड की 2000 करोड़ की संपत्ति जब्त कर ली थी। पहले नेशनल हेराल्ड की कंपनी एसोसिएट जनरल लिमिटेड (AJL) को कांग्रेस ने 26 फरवरी, 2011 को 90 करोड़ का लोन दे दिया। इसके बाद 5 लाख रुपये से यंग इंडियन कंपनी बनाई गई, जिसमें सोनिया और राहुल की 38-38 फीसदी हिस्सेदारी है। शेष हिस्सेदारी कांग्रेस नेता मोतीलाल वोरा और ऑस्कर फर्नांडिस के पास है।