सोनिया गांधी और राहुल गांधी (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
नेशनल हेराल्ड मामले में पटियाला हाउस कोर्ट से कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी को राहत दी गई है. कोर्ट ने सुब्रमण्यम स्वामी की याचिका खारिज कर दी है. कोर्ट ने साथ ही कहा है कि स्वामी को कांग्रेस और AGL की बैलेंस शीट और आयकर संबंधी दस्तावेज नहीं मिलेंगे.
गौरतलब है कि नेशनल हेराल्ड मामले में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी को लेकर पटियाला हाउस कोर्ट को अहम फैसला सुनाना था. कोर्ट को यह तय करना था कि बीजेपी सांसद सुब्रमण्यम स्वामी को कांग्रेस पार्टी की 2010-11 की बैलेंस शीट, आयकर रिटर्न और एसोसिएट जर्नल लिमिटेड AJL के भी वित्तीय दस्तावेज बतौर सुबूत दिए जाएं या नहीं.
दरअसल, 12 जुलाई को दिल्ली हाईकोर्ट ने पटियाला हाउस कोर्ट के फैसले को पलटते हुए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी को बड़ी राहत दी थी. गौरतलब है कि ट्रायल कोर्ट ने उनको कांग्रेस और एसोसिएट जर्नल लिमिटेड की इनकम टैक्स बैलेंस सीट और मंत्रालयों के कागजात सौंपने का आदेश दिया था.
राहुल गांधी ने साधा पीएम मोदी पर निशाना, गरीबों के पास जो पैसा है वह कालाधन नहीं है
हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि CRPC के सेक्शन 91 के तहत कोई भी ऑर्डर देने से पहले आरोपी पक्ष को सुना जाना जरूरी है, जो इस मामले में नहीं किया गया. कोर्ट ने कहा कि इस मामले में सुब्रमण्यम स्वामी ने गंभीर तरीके से आवेदन नहीं लगाया और उसी तरीके से उस पर कोर्ट (पटियाला कोर्ट) ने आदेश दे दिए. स्वामी न तो गवाहों की लिस्ट के साथ इन कागजातों को जोड़ पाए और न ही यह बता पाए कि ट्रायल में इन कागजातों की क्या अहमयित है.
दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने 11 मार्च को नेशनल हेराल्ड मामले में भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी की उस मांग को स्वीकार कर लिया था, जिसमें इंडियन नेशनल कांग्रेस (आईएनसी) और एसोसिएटिड जनरल प्रा.लि.(एजेएल) की वित्तीय जानकारी से जुड़े कुछ कागजात समन करने की मांग की गई थी. कोर्ट ने सभी संबंधित विभागों को आदेश जारी किया था कि वह संबंधित दस्तावेजों की प्रति सुब्रमण्यम स्वामी को दें.
केस में कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी, उनके पुत्र राहुल गांधी के अलावा कांग्रेस नेता मोती लाल वोरा, ऑस्कर फर्नांडिस, सुमन दुबे, सैम पित्रोदा आरोपी हैं. महानगर दंडाधिकारी लवलीन ने सुब्रमण्यम स्वामी की याचिका पर दोनों पक्षों की तरफ से दलीलें पूरी होने के बाद उस पर अपना आदेश सुरक्षित रखने का फैसला सुनाया.
गांधी परिवार की तरफ से दलील दी गई थी कि उन्हें बेवजह प्रताड़ित करने के मकसद से अदालत के समक्ष यह याचिका लगाई गई है. जिन दस्तावेजों की स्वामी मांग कर रहे हैं वह कांग्रेस पार्टी और एजेएल के गोपनीय दस्तावेज हैं. यह दस्तावेज स्वामी को नहीं दिए जाने चाहिए.
स्वामी का कहना था कि षड्यंत्र के तहत सभी आरोपियों ने यंग इंडिया के नाम से एक कंपनी बनाकर नेशनल हेराल्ड अखबार की पब्लिशर एसोसिएटिड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) को अपने कब्जे में ले लिया गया, जिसके चलते करीब 90 करोड़ रुपये की संपत्ति का अधिकार यंग इंडिया को मिल गया.
गौरतलब है कि नेशनल हेराल्ड मामले में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी को लेकर पटियाला हाउस कोर्ट को अहम फैसला सुनाना था. कोर्ट को यह तय करना था कि बीजेपी सांसद सुब्रमण्यम स्वामी को कांग्रेस पार्टी की 2010-11 की बैलेंस शीट, आयकर रिटर्न और एसोसिएट जर्नल लिमिटेड AJL के भी वित्तीय दस्तावेज बतौर सुबूत दिए जाएं या नहीं.
दरअसल, 12 जुलाई को दिल्ली हाईकोर्ट ने पटियाला हाउस कोर्ट के फैसले को पलटते हुए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी को बड़ी राहत दी थी. गौरतलब है कि ट्रायल कोर्ट ने उनको कांग्रेस और एसोसिएट जर्नल लिमिटेड की इनकम टैक्स बैलेंस सीट और मंत्रालयों के कागजात सौंपने का आदेश दिया था.
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हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि CRPC के सेक्शन 91 के तहत कोई भी ऑर्डर देने से पहले आरोपी पक्ष को सुना जाना जरूरी है, जो इस मामले में नहीं किया गया. कोर्ट ने कहा कि इस मामले में सुब्रमण्यम स्वामी ने गंभीर तरीके से आवेदन नहीं लगाया और उसी तरीके से उस पर कोर्ट (पटियाला कोर्ट) ने आदेश दे दिए. स्वामी न तो गवाहों की लिस्ट के साथ इन कागजातों को जोड़ पाए और न ही यह बता पाए कि ट्रायल में इन कागजातों की क्या अहमयित है.
दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने 11 मार्च को नेशनल हेराल्ड मामले में भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी की उस मांग को स्वीकार कर लिया था, जिसमें इंडियन नेशनल कांग्रेस (आईएनसी) और एसोसिएटिड जनरल प्रा.लि.(एजेएल) की वित्तीय जानकारी से जुड़े कुछ कागजात समन करने की मांग की गई थी. कोर्ट ने सभी संबंधित विभागों को आदेश जारी किया था कि वह संबंधित दस्तावेजों की प्रति सुब्रमण्यम स्वामी को दें.
केस में कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी, उनके पुत्र राहुल गांधी के अलावा कांग्रेस नेता मोती लाल वोरा, ऑस्कर फर्नांडिस, सुमन दुबे, सैम पित्रोदा आरोपी हैं. महानगर दंडाधिकारी लवलीन ने सुब्रमण्यम स्वामी की याचिका पर दोनों पक्षों की तरफ से दलीलें पूरी होने के बाद उस पर अपना आदेश सुरक्षित रखने का फैसला सुनाया.
गांधी परिवार की तरफ से दलील दी गई थी कि उन्हें बेवजह प्रताड़ित करने के मकसद से अदालत के समक्ष यह याचिका लगाई गई है. जिन दस्तावेजों की स्वामी मांग कर रहे हैं वह कांग्रेस पार्टी और एजेएल के गोपनीय दस्तावेज हैं. यह दस्तावेज स्वामी को नहीं दिए जाने चाहिए.
स्वामी का कहना था कि षड्यंत्र के तहत सभी आरोपियों ने यंग इंडिया के नाम से एक कंपनी बनाकर नेशनल हेराल्ड अखबार की पब्लिशर एसोसिएटिड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) को अपने कब्जे में ले लिया गया, जिसके चलते करीब 90 करोड़ रुपये की संपत्ति का अधिकार यंग इंडिया को मिल गया.
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