जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को हटाने से संबंधित राष्ट्रपति के आदेश को चुनौती देते हुए नेशनल कांफ्रेंस ने शनिवार को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है. नेशनल कॉन्फ्रेंस नेता मोहम्मद अकबर लोन और हसनैन मसूदी की ओर से दायर याचिका में सुप्रीम कोर्ट से अनुच्छेद 370 पर राष्ट्रपति के आदेश को जम्मू-कश्मीर में ‘‘असंवैधानिक, अमान्य एवं निष्प्रभावी'' घोषित करने के संबंध में निर्देश देने का अनुरोध किया गया है. नेशनल कॉन्फ्रेंस ने जम्मू कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 को भी ‘‘असंवैधानिक'' घोषित करने का अनुरोध किया है.
प्रदर्शनों पर सरकार का दावा
वहीं केंद्रीय गृह मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा हटाने के खिलाफ पिछले कुछ दिनों में कश्मीर घाटी में छिट पुट प्रदर्शन हुए और इनमें से किसी प्रदर्शन में 20 से अधिक लोग शामिल नहीं हुए. मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा, ‘‘श्रीनगर/बारामूला में छिटपुट प्रदर्शन हुए और इनमें से किसी प्रदर्शन में 20 से अधिक लोग शामिल नहीं रहे.'' प्रवक्ता ने कश्मीर में करीब 10,000 लोगों के प्रदर्शन की मीडिया में आयी खबर को ‘‘गढ़ा हुआ तथा गलत'' बताते हुए खारिज कर दिया. सरकार ने जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को हटा दिया है और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू कश्मीर तथा लद्दाख में विभाजित कर दिया है.
रूस ने भारत का समर्थन किया
रूस ने जम्मू-कश्मीर पर भारत द्वारा उठाए गए कदम का समर्थन करते हुए कहा कि यह भारतीय संविधान के दायरे में है और उसने उम्मीद जताई कि भारत और पाकिस्तान आपसी मतभेदों को शिमला समझौते एवं लाहौर घोषणा के आधार पर द्विपक्षीय स्तर पर सुलाएंगे.
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