गुजरात 2002 दंगा मामले में सजायाफ्ता पूर्व मंत्री माया कोडनानी की अपील पर गुजरात हाईकोर्ट में सुनवाई पर सुप्रीम कोर्ट ने दो महीने के लिए रोक लगा दी है।
गुजरात दंगों के लिए गठित एसआईटी और पीड़ितों की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में अहम सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने यह फैसला सुनाया।
सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ने कहा कि आरोप हैं कि इस मामले में हाईकोर्ट सिर्फ साजिशकर्ता की अपील पर सुनवाई कर रहा है जबकि इसी मामले में उसके सहायक भी हैं। अगर दोनों के मामले एक साथ नहीं सुने जाएंगे, साजिश कैसे साबित होगी?
सुनवाई कर रहे हाईकोर्ट के एक जज मई में रिटायर हो रहे हैं तो ऐसे में सुनवाई पर दो महीने के लिए रोक लगाई जाती है। गुजरात दंगों की जांच करने वाली एसआईटी ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि नरोदा पाटिया मामले में गुजरात हाईकोर्ट सिर्फ माया कोडनानी की अपील पर सुनवाई कर रहा है।
याचिका में कहा गया है कि इस मामले में 31 सजायाफ्ता और भी हैं। उनकी अपीलें भी हाईकोर्ट में लंबित हैं, लेकिन हाईकोर्ट की बेंच सिर्फ माया की अपील की तेजी से सुनवाई कर रही है। इस केस के एक जज अगले महीने रिटायर होने वाले हैं। याचिका में कहा गया कि क्रीमिनल केस में सभी सजायाफ्ता की अपील सुनी जानी चाहिए।
इसी तरह की याचिका नरोदा पाटिया के पीड़ितों ने भी सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की है। इस मामले में सजायाफ्ता की 11 और गुजरात सरकार की पांच अपील हाईकोर्ट में लंबित हैं।
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