नई दिल्ली:
दिल्ली पुलिस के कांस्टेबल सुभाष चंद तोमर की मौत मामले के गवाह योगेंद्र तोमर ने रविवार को कहा कि गुरुवार को पुलिस द्वारा पूछताछ किए जाने के बाद से उनका फोन टेप किया जा रहा है।
कांस्टेबल की मौत इंडिया गेट पर दुष्कर्म विरोधी प्रदर्शन के दौरान घायल होने के दो दिन बाद राम मनोहर लोहिया अस्पताल में हुई थी।
घटना के चश्मदीद योगेंद्र तोमर ने कहा, "मेरा फोन टेप किया जा रहा है..लेकिन क्यों, यह मैं नहीं जानता।"
पत्रकारिता के छात्र योगेंद्र (24) से दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा के अधिकारियों ने पूछताछ की थी। उनसे पूछताछ तब की गई थी, जब उन्होंने पुलिस के इस कथन को चुनौती दी कि प्रदर्शनकारियों ने तोमर की पिटाई की थी।
ज्ञात हो कि गत रविवार को इंडिया गेट पर दुष्कर्म विरोधी प्रदर्शन के दौरान प्रदर्शनकारियों को खदेड़े जाते समय 47 वर्षीय कांस्टेबल तोमर तिलक मार्ग पर गिर गए थे। गत मंगलवार सुबह दिल का दौरा पड़ने से उनकी मौत हो गई थी।
योगेंद्र ने कहा, "पुलिस ने गुरुवार को मेरा बयान दर्ज किया था, जबकि पॉलिन (20 वर्षीया एक अन्य गवाह) का बयान अगले दिन दर्ज किया गया था..लेकिन मुझे नहीं पता वे मेरा फोन क्यों टेप कर रहे हैं।"
उन्होंने कहा, "पूछताछ के दौरान मैंने पुलिस अधिकारियों से वही कहा था जो पूर्व में मैंने मीडिया से कहा था।"
उल्लेखनीय है कि राम मनोहर लोहिया अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक टीएस सिद्धू ने गत बुधवार को कहा था कि कांस्टेबल के दाहिने घुटने पर कुछ खरोंच के अलावा शरीर पर पिटाई का कोई निशान नहीं था। पुलिस ने कहा था कि वह समाचार चैनलों से वीडियो फुटेज लेकर उसका अध्ययन करेगी।
कांस्टेबल की मौत इंडिया गेट पर दुष्कर्म विरोधी प्रदर्शन के दौरान घायल होने के दो दिन बाद राम मनोहर लोहिया अस्पताल में हुई थी।
घटना के चश्मदीद योगेंद्र तोमर ने कहा, "मेरा फोन टेप किया जा रहा है..लेकिन क्यों, यह मैं नहीं जानता।"
पत्रकारिता के छात्र योगेंद्र (24) से दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा के अधिकारियों ने पूछताछ की थी। उनसे पूछताछ तब की गई थी, जब उन्होंने पुलिस के इस कथन को चुनौती दी कि प्रदर्शनकारियों ने तोमर की पिटाई की थी।
ज्ञात हो कि गत रविवार को इंडिया गेट पर दुष्कर्म विरोधी प्रदर्शन के दौरान प्रदर्शनकारियों को खदेड़े जाते समय 47 वर्षीय कांस्टेबल तोमर तिलक मार्ग पर गिर गए थे। गत मंगलवार सुबह दिल का दौरा पड़ने से उनकी मौत हो गई थी।
योगेंद्र ने कहा, "पुलिस ने गुरुवार को मेरा बयान दर्ज किया था, जबकि पॉलिन (20 वर्षीया एक अन्य गवाह) का बयान अगले दिन दर्ज किया गया था..लेकिन मुझे नहीं पता वे मेरा फोन क्यों टेप कर रहे हैं।"
उन्होंने कहा, "पूछताछ के दौरान मैंने पुलिस अधिकारियों से वही कहा था जो पूर्व में मैंने मीडिया से कहा था।"
उल्लेखनीय है कि राम मनोहर लोहिया अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक टीएस सिद्धू ने गत बुधवार को कहा था कि कांस्टेबल के दाहिने घुटने पर कुछ खरोंच के अलावा शरीर पर पिटाई का कोई निशान नहीं था। पुलिस ने कहा था कि वह समाचार चैनलों से वीडियो फुटेज लेकर उसका अध्ययन करेगी।
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