वरिष्ठ कांग्रेसी नेता दिग्विजय सिंह ने ईवीएम मामले में सीएम अरविंद केजरीवाल का समर्थन किया..
नई दिल्ली:
वरिष्ठ कांग्रेसी नेता दिग्विजय सिंह को हाल में पार्टी ने कई राज्यों के दायित्व से मुक्त कर दिया था. सिंह ने NDTV से बात करते हुए पार्टी के इस निर्णय को महत्वपूर्ण कदम करार दिया है. 70 वर्षीय सिंह ने कहा, "हम पार्टी में लंबे समय से महत्वपूर्ण पदों पर हैं. अब हमारे नेता राहुल (गांधी) नए लोगों को मौका देना चाहते हैं. मुझे इससे कोई परेशानी नहीं है."
मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री रहे सिंह ने तेलंगाना पुलिस पर लगाए अपने आरोप का भी बचाव किया जिसमें उन्होंने कहा था कि मुस्लिम युवकों को कट्टरपंथी बनाने के लिए पुलिस ने 'फर्जी' आईएसआईएस वेबसाइट बनाई थी. उनके खिलाफ हैदराबाद में केस भी दर्ज किया गया है. सिंह ने दावा किया कि "गृह मंत्रालय और पुलिस में मेरे अपने सूत्र हैं."
हालांकि माना जा रहा है कि उनकी इस टिप्पणी से राष्ट्रपति पद के चुनाव में कांग्रेस को टीआरएस का समर्थन लेने में मुश्किल आ सकती है. सिंह को मार्च में गोवा में कांग्रेस के हाथ से सत्ता छिन जाने के लिए भी दोषी ठहराया गया जहां बीजेपी ने क्षेत्रीय पार्टियों को रातोंरात अपने पाले में लाते हुए कांग्रेस को मात देते हुए अपनी सरकार बना ली थी.
गोवा समेत अन्य राज्यों में कांग्रेस के सफाये के बाद भी राहुल गांधी के खिलाफ पार्टी के नेता कुछ बोलने को तैयार नहीं हैं. हालांकि, कुछ मुट्ठीभर नेताओं ने राहुल से अपनी कार्यशैली बदलने और लोगों से मिलने की सलाह दी थी.
राहुल के नेतृत्व पर सवाल पूछने पर उन्होंने कहा, "राहुल युवा हैं. उनकी अपनी कार्यशैली है. हम उसे स्वीकार करते हैं. उन्होंने संकेत दिया कि राहुल अपनी कार्यशैली बदलना चाहते हैं. राहुल के राजनीतिक गुरु माने जाने वाले सिंह ने आगे कहा, "राजनीति में पूर्वाग्रह असलियत से भी बड़ी चीज होती है. यह राहुल पर निर्भर करता है कि वे अपने पूर्वाग्रह से कैसे निपटते हैं."
हालांकि, राहुल के करीबी होने के कारण कई अन्य नेता जरूर पार्टी से दूर हो गए. उन्हीं में से एक हैं हेमंत बिस्वा शर्मा जिन्होंने पार्टी में मिली लगातार उपेक्षा के बाद बीजेपी ज्वाइन कर ली थी और असम जैसे उत्तर पूर्वी राज्य में भाजपा की सरकार बनवा दी थी. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के समान कांग्रेस भी ईवीएम में गड़बड़ी की बात करती रही है. कल दिल्ली विधानसभा में ईवीएम में गड़बड़ी किए जाने का डेमो दिया गया था. हालांकि चुनाव आयोग ने इस डेमो को सिरे से खारिज कर दिया था.
इस पर केजरीवाल का समर्थन करते हुए सिंह ने कहा, "चुनाव आयोग को केजरीवाल को एक मशीन दे देनी चाहिए और गड़बड़ी साबित करने का मौका देना चाहिए." सिंह ने कहा कि कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल संयुक्त रूप से राष्ट्रपति चुनाव के लिए उम्मीदवार खड़ा करेंगे. उन्होंने कहा कि सरकार के पास 25000 वोट कम है. ऐसे में हम 2019 के लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए नरेंद्र मोदी सरकार से क्षेत्रीय दलों के साथ मिलकर मुकाबला करेंगे. उन्होंने यह भी कहा कि पीएम मोदी को राष्ट्रपति पद के लिए विपक्ष से मिलकर एक ऐसे व्यक्ति का चुनाव करना चाहिए जो राजनीति से ऊपर हो. उन्होंने कहा कि बीजेपी से शिवसेना भी खुश नहीं है.
मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री रहे सिंह ने तेलंगाना पुलिस पर लगाए अपने आरोप का भी बचाव किया जिसमें उन्होंने कहा था कि मुस्लिम युवकों को कट्टरपंथी बनाने के लिए पुलिस ने 'फर्जी' आईएसआईएस वेबसाइट बनाई थी. उनके खिलाफ हैदराबाद में केस भी दर्ज किया गया है. सिंह ने दावा किया कि "गृह मंत्रालय और पुलिस में मेरे अपने सूत्र हैं."
हालांकि माना जा रहा है कि उनकी इस टिप्पणी से राष्ट्रपति पद के चुनाव में कांग्रेस को टीआरएस का समर्थन लेने में मुश्किल आ सकती है. सिंह को मार्च में गोवा में कांग्रेस के हाथ से सत्ता छिन जाने के लिए भी दोषी ठहराया गया जहां बीजेपी ने क्षेत्रीय पार्टियों को रातोंरात अपने पाले में लाते हुए कांग्रेस को मात देते हुए अपनी सरकार बना ली थी.
गोवा समेत अन्य राज्यों में कांग्रेस के सफाये के बाद भी राहुल गांधी के खिलाफ पार्टी के नेता कुछ बोलने को तैयार नहीं हैं. हालांकि, कुछ मुट्ठीभर नेताओं ने राहुल से अपनी कार्यशैली बदलने और लोगों से मिलने की सलाह दी थी.
राहुल के नेतृत्व पर सवाल पूछने पर उन्होंने कहा, "राहुल युवा हैं. उनकी अपनी कार्यशैली है. हम उसे स्वीकार करते हैं. उन्होंने संकेत दिया कि राहुल अपनी कार्यशैली बदलना चाहते हैं. राहुल के राजनीतिक गुरु माने जाने वाले सिंह ने आगे कहा, "राजनीति में पूर्वाग्रह असलियत से भी बड़ी चीज होती है. यह राहुल पर निर्भर करता है कि वे अपने पूर्वाग्रह से कैसे निपटते हैं."
हालांकि, राहुल के करीबी होने के कारण कई अन्य नेता जरूर पार्टी से दूर हो गए. उन्हीं में से एक हैं हेमंत बिस्वा शर्मा जिन्होंने पार्टी में मिली लगातार उपेक्षा के बाद बीजेपी ज्वाइन कर ली थी और असम जैसे उत्तर पूर्वी राज्य में भाजपा की सरकार बनवा दी थी. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के समान कांग्रेस भी ईवीएम में गड़बड़ी की बात करती रही है. कल दिल्ली विधानसभा में ईवीएम में गड़बड़ी किए जाने का डेमो दिया गया था. हालांकि चुनाव आयोग ने इस डेमो को सिरे से खारिज कर दिया था.
इस पर केजरीवाल का समर्थन करते हुए सिंह ने कहा, "चुनाव आयोग को केजरीवाल को एक मशीन दे देनी चाहिए और गड़बड़ी साबित करने का मौका देना चाहिए." सिंह ने कहा कि कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल संयुक्त रूप से राष्ट्रपति चुनाव के लिए उम्मीदवार खड़ा करेंगे. उन्होंने कहा कि सरकार के पास 25000 वोट कम है. ऐसे में हम 2019 के लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए नरेंद्र मोदी सरकार से क्षेत्रीय दलों के साथ मिलकर मुकाबला करेंगे. उन्होंने यह भी कहा कि पीएम मोदी को राष्ट्रपति पद के लिए विपक्ष से मिलकर एक ऐसे व्यक्ति का चुनाव करना चाहिए जो राजनीति से ऊपर हो. उन्होंने कहा कि बीजेपी से शिवसेना भी खुश नहीं है.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं