आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू (फाइल फोटो)
विजयवाड़ा:
नोटबंदी को लेकर आलोचनात्मक टिप्पणी करने के एक दिन बाद बुधवार को आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने कहा कि उनकी टिप्पणियों को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया, हालांकि उन्होंने स्वीकार किया कि समस्याएं बनी हुई हैं. दूसरी तरफ ने भाजपा ने नायडू की आलोचना को तवज्जो नहीं देने की कोशिश की.
मुख्यमंत्री नायडू ने कहा कि वह केंद्र सरकार के इस कदम का पहले से समर्थन करते आ रहे हैं. उन्होंने यह भी कहा कि नोटबंदी के बाद पैदा हुई समस्याएं बनी हुई हैं और अब हम उनको रोजमर्रा के मामले के तौर पर ले रहे हैं.
बता दें कि चंद्रबाबू नायडू केंद्र सरकार की ओर से नोटबंदी के बाद पैदा हुए मुद्दों पर विचार के लिए गठित समिति की अध्यक्षता कर रहे हैं. उनकी पार्टी तेदेपा राजग सरकार का हिस्सा है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि 13 सदस्यीय यह समिति 28 दिसंबर को बैठक करेगी जिसमें मौजूदा समस्या के समाधान को लेकर बात होगी. उन्होंने कहा कि उन्होंने नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत से बात की और उनसे बैठक बुलाने के लिए कहा है. नायडू ने कहा कि उन्होंने बड़े नोटों पर प्रतिबंध लगाने की मांग की थी और इस संदर्भ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र भी लिखा था.
गौरतलब है कि कल मंगलवार को यहां तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) के सांसदों, विधायकों और नेताओं की एक कार्यशाला को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा था कि नोटबंदी पर उनकी मर्जी नहीं थी लेकिन ऐसा हो गया. उन्होंने कहा कि नोटबंदी को 40 दिन बीत गए लेकिन अब बहुत समस्याएं हैं और इनका कोई समाधान नहीं दिखाई देता.
उधर, भाजपा के राष्ट्रीय सचिव और आंध्र प्रदेश में पार्टी के प्रभारी सिद्धार्थ नाथ सिंह ने दिल्ली में संवाददाताओं से कहा कि वह जो कह रहे हैं वो मोदी के उस बयान से अलग नहीं है कि आम आदमी को कम से कम परेशानी होनी चाहिए. उन्होंने सरकार को संकेत दिया है कि पैसे के प्रसार को तेज किया जाए. उन्होंने कहा कि नायडू ने आम लोगों को पेश आ रही मुश्किलों का उल्लेख किया है जो स्वाभाविक बात है और इस बारे में भाजपा के नेता भी बात कर रहे हैं.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
मुख्यमंत्री नायडू ने कहा कि वह केंद्र सरकार के इस कदम का पहले से समर्थन करते आ रहे हैं. उन्होंने यह भी कहा कि नोटबंदी के बाद पैदा हुई समस्याएं बनी हुई हैं और अब हम उनको रोजमर्रा के मामले के तौर पर ले रहे हैं.
बता दें कि चंद्रबाबू नायडू केंद्र सरकार की ओर से नोटबंदी के बाद पैदा हुए मुद्दों पर विचार के लिए गठित समिति की अध्यक्षता कर रहे हैं. उनकी पार्टी तेदेपा राजग सरकार का हिस्सा है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि 13 सदस्यीय यह समिति 28 दिसंबर को बैठक करेगी जिसमें मौजूदा समस्या के समाधान को लेकर बात होगी. उन्होंने कहा कि उन्होंने नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत से बात की और उनसे बैठक बुलाने के लिए कहा है. नायडू ने कहा कि उन्होंने बड़े नोटों पर प्रतिबंध लगाने की मांग की थी और इस संदर्भ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र भी लिखा था.
गौरतलब है कि कल मंगलवार को यहां तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) के सांसदों, विधायकों और नेताओं की एक कार्यशाला को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा था कि नोटबंदी पर उनकी मर्जी नहीं थी लेकिन ऐसा हो गया. उन्होंने कहा कि नोटबंदी को 40 दिन बीत गए लेकिन अब बहुत समस्याएं हैं और इनका कोई समाधान नहीं दिखाई देता.
उधर, भाजपा के राष्ट्रीय सचिव और आंध्र प्रदेश में पार्टी के प्रभारी सिद्धार्थ नाथ सिंह ने दिल्ली में संवाददाताओं से कहा कि वह जो कह रहे हैं वो मोदी के उस बयान से अलग नहीं है कि आम आदमी को कम से कम परेशानी होनी चाहिए. उन्होंने सरकार को संकेत दिया है कि पैसे के प्रसार को तेज किया जाए. उन्होंने कहा कि नायडू ने आम लोगों को पेश आ रही मुश्किलों का उल्लेख किया है जो स्वाभाविक बात है और इस बारे में भाजपा के नेता भी बात कर रहे हैं.
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