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This Article is From Sep 19, 2019

अयोध्या मामले पर सुनवाई के दौरान मुस्लिम पक्षकार के वकील ने ऐसा क्या कह दिया कि SC से मांगनी पड़ी माफी

अयोध्या जमीन विवाद (Ayodhya Land Dispute Case) मामले में Supreme Court में गुरुवार को 27वें दिन की सुनवाई हुई.

अयोध्या मामले पर सुनवाई के दौरान मुस्लिम पक्षकार के वकील ने ऐसा क्या कह दिया कि SC से मांगनी पड़ी माफी
प्रतीकात्मक चित्र.
नई दिल्ली:

अयोध्या जमीन विवाद (Ayodhya Land Dispute Case) मामले में Supreme Court में गुरुवार को 27वें दिन की सुनवाई हुई. इस दौरान मुस्लिम पक्षकार की ओर से राजीव धवन ने कहा कि रामचबूतरा ही राम का जन्म स्थान था न कि गुम्बद. 1855 में हिन्दू-मुसलमानों के बीच दंगे फसाद होने के बाद अंग्रेजों ने विवादित ढांचे में रेलिंग बना दी थी. इस बात के कोई सबूत नहीं मिले हैं कि हिन्दू गुम्बद के नीचे ही पूजा करते थे. इन्हीं दलीलों के साथ धवन ने कोर्ट में दिए गए रामसूरत तिवारी के बयान को ढुलमुल बताते हुए कहा कि 1995 में तिवारी ने 1935 में की गई अपनी पहली राम जन्मभूमि यात्रा के बारे में बताते हुए गर्भगृह में रामलला की तस्वीर और मूर्ति के दर्शन करने की बात कही थी, लेकिन जिरह में वो ये नहीं बता पाए कि वो किस दरवाजे से अंदर घुसे थे? यानी उनका बयान तथ्य पर आधारित नहीं है. 

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सुनवाई के दौरान जस्टिस भूषण ने कहा कि हाईकोर्ट ने अपने फैसले में तिवारी के बयान पर भरोसा किया है तो आपके उस पर भरोसा नहीं करने का क्या तर्क है? इस पर धवन ने कहा कि मैं तो सिर्फ बयान के हवाले से बता रहा हूं, आप तो काफी आक्रामक हो गए! इस पर रामलला के वकील वैद्यनाथन ने कहा कि 1855 में हिन्दू-मुस्लिम तनाव, धवन का ये बर्ताव दुर्भाग्यपूर्ण है. इस पर जस्टिस चंद्रचूड़ ने फिर धवन को जस्टिस भूषण के सवाल का जवाब देने को कहा. इसके बाद धवन ने अपने अंदाज और जवाब पर सफाई देते हुए माफी मांग ली.  

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