
पटेल आंदोलन की फाइल तस्वीर
अहमदाबाद:
गुजरात में 25 तारीख की रात पाटीदार आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल की गिरफ़्तारी के बाद जो हिंसा भड़की उसमें जगह-जगह से पुलिस की ज़्याद्तियों की शिकायतें आ रहीं हैं। अब हिंसा के दौरान हुई एक मौत के मामले ने गुजरात पुलिस की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। गुजरात हाईकोर्ट ने इसे प्राथमिक तौर पर हत्या का मामला मानते हुए इसमें एफआईआर करके सीआईडी जांच के आदेश दिये हैं।
ये मामला है 32 साल के युवक श्वेतांग पटेल से जुड़ा हुआ था, 25 अगस्त की रात को बापूनगर इलाके में हिंसा की जो घटनायें हुई थीं उसमें कुछ बसों को आग भी लगाई गई थी और पुलिस पर पथराव भी हुआ था। जवाब में पुलिस ने कई जगहों पर सोसायटी में घुसकर गाड़ियों के कांच तोड़े थे और लोगों को सोसायटी से उठाकर हिरासत में भी लिया था।
ऐसे ही एक मामले में बापूनगर से पुलिस ने श्वेतांग को भी हिरासत में लिया था। श्वेतांग के पिता लकवाग्रस्त हैं और वो घर में इकलौता बेटा था, ऐसे में उसका परिवार काफी परेशान था। उन्हें इस बात का कोई अंदाज़ा नहीं था कि श्वेतांग के साथ क्या हुआ। दूसरे दिन पुलिस ने श्वेतांग के माता-पिता को बापूनगर पुलिस स्टेशन में बुलाकर उसकी मौत की जानकारी दी। पुलिस ने उनसे कुछ पेपर पर दस्तख़त करने को भी कहा, लेकिन परिवार ने दस्तख़त करने से मना कर दिया।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि लोग नज़दीक की पुलिस चौकी को फूंकने की कोशिश कर रहे थे तब वो कुछ लोगों को हिरासत में लेकर आये थे और श्वेतांग को बेहोशी की हालत में लाया गया था। लेकिन परिवार का आरोप है कि श्वेतांग की मौत पुलिस की ज्य़ादती के कारण हुआ। इसे लेकर उसकी मां ने गुजरात हाईकोर्ट में एक पिटीशन भी दायर की थी जिसपर हाईकोर्ट ने श्वेतांग के शव का पोस्टमोर्टम कराने का आदेश दिया था। श्वेतांग के शव का पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट शुक्रवार को आ गया।
श्वेतांग की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद हाईकोर्ट ने कहा कि प्राथमिक तौर पर ये हत्या का मामला लगता है इसलिये हत्या की एफआईआर कर सीआईडी इसकी जांच करे। कोर्ट के इस आदेश के साथ ही एक बार फिर से इस आंदोलन के दौरान हुई हिंसा की घटनाओं के दौरान पुलिस पर अत्याचार के आरोप और तेज़ हो गये हैं।
ये मामला है 32 साल के युवक श्वेतांग पटेल से जुड़ा हुआ था, 25 अगस्त की रात को बापूनगर इलाके में हिंसा की जो घटनायें हुई थीं उसमें कुछ बसों को आग भी लगाई गई थी और पुलिस पर पथराव भी हुआ था। जवाब में पुलिस ने कई जगहों पर सोसायटी में घुसकर गाड़ियों के कांच तोड़े थे और लोगों को सोसायटी से उठाकर हिरासत में भी लिया था।
ऐसे ही एक मामले में बापूनगर से पुलिस ने श्वेतांग को भी हिरासत में लिया था। श्वेतांग के पिता लकवाग्रस्त हैं और वो घर में इकलौता बेटा था, ऐसे में उसका परिवार काफी परेशान था। उन्हें इस बात का कोई अंदाज़ा नहीं था कि श्वेतांग के साथ क्या हुआ। दूसरे दिन पुलिस ने श्वेतांग के माता-पिता को बापूनगर पुलिस स्टेशन में बुलाकर उसकी मौत की जानकारी दी। पुलिस ने उनसे कुछ पेपर पर दस्तख़त करने को भी कहा, लेकिन परिवार ने दस्तख़त करने से मना कर दिया।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि लोग नज़दीक की पुलिस चौकी को फूंकने की कोशिश कर रहे थे तब वो कुछ लोगों को हिरासत में लेकर आये थे और श्वेतांग को बेहोशी की हालत में लाया गया था। लेकिन परिवार का आरोप है कि श्वेतांग की मौत पुलिस की ज्य़ादती के कारण हुआ। इसे लेकर उसकी मां ने गुजरात हाईकोर्ट में एक पिटीशन भी दायर की थी जिसपर हाईकोर्ट ने श्वेतांग के शव का पोस्टमोर्टम कराने का आदेश दिया था। श्वेतांग के शव का पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट शुक्रवार को आ गया।
श्वेतांग की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद हाईकोर्ट ने कहा कि प्राथमिक तौर पर ये हत्या का मामला लगता है इसलिये हत्या की एफआईआर कर सीआईडी इसकी जांच करे। कोर्ट के इस आदेश के साथ ही एक बार फिर से इस आंदोलन के दौरान हुई हिंसा की घटनाओं के दौरान पुलिस पर अत्याचार के आरोप और तेज़ हो गये हैं।
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं
हार्दिक पटेल, गुजरात पुलिस, हिंसा, श्वेतांग पटेल, पटेल आंदोलन, Hardik Patel, Gujarat Police, Violence, Shwetang Patel, Patel Movement