यह ख़बर 19 नवंबर, 2012 को प्रकाशित हुई थी

उद्धव ने बटोरीं पिता की अस्थियां, मुंबई ने पकड़ी रफ्तार

खास बातें

  • शिवसेना के कार्यकारी अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने सोमवार को अपने पिता व शिवसेना के संरक्षक बाल ठाकरे की अस्थियां मध्य मुम्बई स्थित शिवाजी पार्क से बटोरीं तथा उन्हें दो कलशों में रखा।
मुंबई:

शिवसेना के कार्यकारी अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने सोमवार को अपने पिता व शिवसेना के संरक्षक बाल ठाकरे की अस्थियां मध्य मुम्बई स्थित शिवाजी पार्क से बटोरीं तथा उन्हें दो कलशों में रखा। रविवार को इसी स्थान पर ठाकरे का अंतिम संस्कार किया गया था।

उद्धव सोमवार को साधु-संतों के साथ शिवाजी पार्क गए और पवित्र मंत्रों के बीच उन्होंने अपने पिता की अस्थियां बटोरकर कलश में रखा।

शिवसेना के एक पदाधिकारी ने कहा, एक कलश दो दिन के लिए पार्टी के मुख्यालय-सेना भवन में उन लोगों के दर्शन के लिए रखा जाएगा, जो सेना प्रमुख की अंतिम यात्रा में शामिल नहीं हो पाए थे। दूसरा कलश उनके आवास-मातोश्री पर रखा जाएगा।

दो दिन बाद ठाकरे की अस्थियां पवित्र नदी में प्रवाहित की जाएंगी और अंतिम संस्कार से सम्बंधित रीतियां की जाएंगी। उनकी अस्थियां कहां प्रवाहित की जाएंगी, अभी यह स्पष्ट नहीं हो पाया है।

उधर, बाल ठाकरे के अंतिम संस्कार के एक दिन बाद आज मुंबई फिर से अपनी रफ्तार पकड़ने लगी है और सड़कों पर टैक्सियों तथा ऑटोरिक्शाओं के चलने के साथ धीरे-धीरे बाजार भी खुल रहे हैं।

इससे पहले शनिवार को शिवसेना प्रमुख के निधन की खबर फैलते ही मुंबई की रफ्तार थम-सी गई थी और बंद का सा माहौल हो गया था। दिवाली की छुट्टियों के बाद स्कूल और कॉलेज आज खुलने थे, लेकिन अब छुट्टी एक दिन और बढ़ा दी गयी है और ये कल खुलेंगे।

शिवसेना ने किसी बंद के लिए नहीं कहा है लेकिन फेडरन ऑफ एसोसिएशन्स ऑफ महाराष्ट्र (एफएएम) ने अपनी घटक संस्थाओं से और व्यापारी समुदाय से सोमवार को राज्य में बंद रखने का आह्वान किया है। एफएएम ने अपने सहयोगी संगठनों से अपील की है कि बाल ठाकरे के सम्मान में आज श्रद्धांजलि दिवस मनाया जाए। पिछले कुछ समय से गंभीर तौर पर अस्वस्थ चल रहे बाल ठाकरे का शनिवार को अपराह्न में निधन हो गया था। मुंबई में सर्राफा व्यवसायियों ने भी अपने-अपने प्रतिष्ठानों को बंद रखा।

इस बीच अस्थि कलश शिवसेना नेताओं और पदाधिकारियों को दिए जाएंगे, जिन्हें राज्य में विभिन्न जगहों पर पार्टी दफ्तरों में 21 और 22 नवंबर को दिवंगत नेता को श्रद्धांजलि देने के लिए रखा जाएगा।

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इसके बाद अस्थियों को 23 नवंबर को हरिहरेश्वर, नासिक, हरिद्वार, वाराणसी और कन्याकुमारी समेत देश के विभिन्न तीर्थों में पवित्र नदियों में विसर्जित कर दिया जाएगा।