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This Article is From Mar 19, 2012

मुकुल रॉय बने देश के नए रेलमंत्री

नई दिल्ली: दिनेश त्रिवेदी के जाने के बाद मुकुल रॉय ने आज राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक सादे कार्यक्रम में नए रेलमंत्री के पद की शपथ ली। राष्ट्रपति प्रतिभा देवी सिंह पाटिल ने उन्हें यह शपथ दिलाई। मुकुल रॉय ही इसके बाद संसद में रेल बजट पर चर्चा का जवाब देंगे।

ममता बनर्जी पहले भी मुकुल राय को ही रेलमंत्री बनाना चाहती थी लेकिन पीएम ने उन्हें रेल राज्य मंत्री बनाया। इस दौरान असम में रेल हादसे हुआ जिसमें वह पीएम के कहने पर घटनास्थल यह कहते हुए नहीं गए कि मंत्रालय पीएम के पास है।

मुकुल रॉय की सबसे बड़ी खासियत यह है कि वह दीदी के सबसे भरोसेमंद व्यक्ति हैं। वह दीदी की मंज़ूरी के बिना कुछ नहीं करते तृणमूल कांग्रेस के महासचिव हैं और बीएससी पार्ट वन तक पढ़े हैं। दिनेश त्रिवेदी से उलट वह सुरक्षा और बदलाव की बात करने की बजाय यह बात करना पसंद करते हैं कि दीदी ने रेल और बंगाल को किस तरह बदला। मुकुल 2006 में राज्यसभा के लिए चुने गए इस बार बंगाल में हुए विधानसभा चुनाव में उन्होंने बेहद अहम भूमिका भी निभाई। उन्हें मोहन बागान के फुटबॉल मैच और वनडे क्रिकेट मैच देखना पसंद है।

गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री व तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी आखिर अपने मकसद में कामयाब हो ही गईं। पहले तो उन्होंने रेल मंत्री पद से दिनेश त्रिवेदी की छुट्टी करने और अपने करीबी मुकुल रॉय को रेल मंत्री की नई जिम्मेदारी सौंपने के लिए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को मजबूर किया। अब वह यात्री किराया वापस लेने के लिए सरकार पर दबाव बना रही हैं।

खुद प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने लोकसभा में त्रिवेदी के इस्तीफे की घोषणा की और साथ ही उनकी विदाई पर खेद भी जताया। बाद में ममता ने मनमोहन से भेंट कर मुकुल रॉय को नया रेल मंत्री बनाने पर मजबूर किया।

मुकुल रॉय आज सुबह 10 बजे बतौर केंद्रीय मंत्री शपथ लेंगे। उन्हें रेल मंत्रालय का जिम्मा सौंपा जाएगा। अभी तक वह जहाजरानी राज्य मंत्री हैं। वह रेल मंत्रालय में भी राज्यमंत्री रह चुके हैं।

राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव का जवाब देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्हें त्रिवेदी के पद छोड़ने का खेद है। उन्होंने कहा कि उन्हें त्रिवेदी का इस्तीफा रविवार देर शाम मिल गया था। उसे मंजूरी के लिए राष्ट्रपति के पास भेज दिया गया है। त्रिवेदी ने विजन-2020 को आगे ले जाने के वादे के साथ रेल बजट पेश किया था, जिसे उनकी पूर्ववर्ती ममता बनर्जी ने निर्धारित किया था। इसके पहले केंद्रीय वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने सदन को बताया था कि दिनेश त्रिवेदी का इस्तीफा प्रधानमंत्री के पास विचाराधीन है।

प्रधानमंत्री से मुलाकात के बाद ममता ने संवाददाताओं से कहा, "यह अच्छी मुलाकात रही.. रेल यात्री किराए में वृद्धि वापस लेने और मुकुल रॉय को नया रेल मंत्री बनाने का मुद्दा प्रधानमंत्री का विशेषाधिकार है।"

ममता ने कहा कि किराया बढ़ने से आम आदमी पर दबाव बढ़ेगा। उन्होंने कहा, "हम आम आदमी को प्रभावित नहीं करेंगे।"

ममता ने कहा कि उनकी पार्टी ने सरकार से कोई फायदा नहीं उठाया। केंद्रीय मंत्रिमंडल में उनकी पार्टी का केवल एक ही मंत्री था जबकि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) के अन्य सहयोगियों के ज्यादा मंत्री हैं।

ममता रविवार को दिल्ली पहुंची थीं। प्रधानमंत्री से मुलाकात के अलावा उन्होंने पार्टी संसदीय दल की बैठक में भी हिस्सा लिया।

ज्ञात हो कि रेल बजट में यात्री किराया बढ़ाए जाने के बाद से ही ममता त्रिवेदी से नाराज थीं। ममता ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर त्रिवेदी को पद से हटाने और मुकुल रॉय को उनके स्थान पर लाने की मांग भी की थी। लेकिन त्रिवेदी के तेवर लगातार बगावती बने रहे। रविवार को भी उन्होंने कहा था कि वह किसी की जागीर नहीं हैं।

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