नई दिल्ली:
नोटबंदी के कारण गुरुवार को कुछ सांसदों को भी काफी परेशानी झेलनी पड़ी, जब संसद भवन स्थित भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने उन सांसदों में प्रत्येक को 24,000 रुपये देने से विनम्रतापूर्वक इनकार कर दिया. इन तीन सांसदों में दो राज्यसभा के हैं और एक लोकसभा के हैं.
नोटबंदी के बाद प्रत्येक व्यक्ति को बैंक से 24,000 रुपये प्रति सप्ताह निकालने की अनुमति दी गई है. इनमें से दो सांसद भारतीय जनता पार्टी के हैं, जबकि एक सांसद जनता दल (यूनाइटेड) के हैं. नकदी की कमी को देखते हुए बैंक अधिकारियों ने सांसद से 5,000 रुपये ही निकालने की गुजारिश की, लेकिन उन्होंने मना कर दिया.
तीन में से एक सांसद ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया, "लोकतंत्र के मंदिर में यह हालत है. तो आप सोच सकते हैं कि देश के सुदूर हिस्सों में क्या हाल होगा?" राज्यसभा के दो सांसदों में से एक बिहार से हैं. उन्होंने कहा कि वे इसलिए नकदी निकलने गए थे कि शुक्रवार को सप्ताह का आखिरी सत्र है, इसके बाद चार दिन की छुट्टी है.
उन्होंने कहा, "मैं अपने संसदीय क्षेत्र लौट रहा था. उससे पहले मुझे नकदी की जरूरत थी. लेकिन आप यहां के हालात देख रहे हैं." दूसरे सांसद जो उत्तर प्रदेश और बिहार के हैं, ने कहा कि वे अपने संसदीय क्षेत्र के लोगों को नोटबंदी के फायदों के बारे में क्या बताएंगे, जब वे खुद इससे पीड़ित हैं.
संसद भवन में चार एटीएम हैं. एक केंद्रीय कक्ष के नजदीक, दूसरा लाइब्रेरी बिल्डिंग में और दो संसद के एनेक्सी बिल्डिंग में हैं. गुरुवार को चारों एटीएम खाली थे. उन एटीएम के बाहर कुछ सांसद और संसद भवन के कर्मचारी नकदी डाले जाने के इंतजार में खड़े देखे गए. 8 नवंबर को नोटबंदी लागू होने के बाद से ही संसद भवन के एटीएम में नकदी की कमी देखी जा रही है.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
नोटबंदी के बाद प्रत्येक व्यक्ति को बैंक से 24,000 रुपये प्रति सप्ताह निकालने की अनुमति दी गई है. इनमें से दो सांसद भारतीय जनता पार्टी के हैं, जबकि एक सांसद जनता दल (यूनाइटेड) के हैं. नकदी की कमी को देखते हुए बैंक अधिकारियों ने सांसद से 5,000 रुपये ही निकालने की गुजारिश की, लेकिन उन्होंने मना कर दिया.
तीन में से एक सांसद ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया, "लोकतंत्र के मंदिर में यह हालत है. तो आप सोच सकते हैं कि देश के सुदूर हिस्सों में क्या हाल होगा?" राज्यसभा के दो सांसदों में से एक बिहार से हैं. उन्होंने कहा कि वे इसलिए नकदी निकलने गए थे कि शुक्रवार को सप्ताह का आखिरी सत्र है, इसके बाद चार दिन की छुट्टी है.
उन्होंने कहा, "मैं अपने संसदीय क्षेत्र लौट रहा था. उससे पहले मुझे नकदी की जरूरत थी. लेकिन आप यहां के हालात देख रहे हैं." दूसरे सांसद जो उत्तर प्रदेश और बिहार के हैं, ने कहा कि वे अपने संसदीय क्षेत्र के लोगों को नोटबंदी के फायदों के बारे में क्या बताएंगे, जब वे खुद इससे पीड़ित हैं.
संसद भवन में चार एटीएम हैं. एक केंद्रीय कक्ष के नजदीक, दूसरा लाइब्रेरी बिल्डिंग में और दो संसद के एनेक्सी बिल्डिंग में हैं. गुरुवार को चारों एटीएम खाली थे. उन एटीएम के बाहर कुछ सांसद और संसद भवन के कर्मचारी नकदी डाले जाने के इंतजार में खड़े देखे गए. 8 नवंबर को नोटबंदी लागू होने के बाद से ही संसद भवन के एटीएम में नकदी की कमी देखी जा रही है.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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