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This Article is From Apr 22, 2020

मध्यप्रदेश : कोरोना संदिग्ध की स्क्रीनिंग करने के लिए गए डॉक्टर और पुलिस दल पर हमला

Coronavirus: श्योपुर जिले के गसवानी गांव में टीम पर कुछ लोगों ने हमला किया, एक पुलिसकर्मी घायल, राज्य में हमले की पांचवी वारदात

मध्यप्रदेश : कोरोना संदिग्ध की स्क्रीनिंग करने के लिए गए डॉक्टर और पुलिस दल पर हमला
श्योपुर जिले में हमले में पुलिस कर्मी घायल हो गया.
भोपाल:

Coronavirus: मध्यप्रदेश में स्वास्थ्य कर्मियों और पुलिस वालों पर हमले की वारदातें रोके नहीं रुक रही हैं. राज्य में श्योपुर जिले के गसवानी गांव में कोरोना संदिग्ध के स्क्रीनिंग के लिए गए डॉक्टरों और पुलिस टीम पर कुछ लोगों ने हमला कर दिया जिसमें एक पुलिसकर्मी घायल हो गया.

पुलिस के मुताबिक गसवानी में रहने वाला गोपाल गुना से अपने पिता गंगाराम के पास आया था. पड़ोसियों ने पंचायत को गोपाल के पहुंचने की सूचना दी. पंचायत के सहायक सचिव ने सूचना स्वास्थ्य विभाग और गसवानी थाने को दी जिसके बाद विजयपुर स्वास्थ्य केन्द्र से डॉ पवन उपाध्याय टीम लेकर गोपाल के घर पहुंचे लेकिन उन्होंने गोपाल की स्क्रीनिंग के बजाय डॉ उपाध्याय की टीम को भगा दिया. बाद में टीम असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर श्रीराम अवस्थी के साथ गंगाराम के घर पहुंची तो कथित तौर पर गंगाराम और उनके बेटों ने उन पर पथराव कर दिया. इस हमले में डॉ पवन उपाध्याय तो बच गए लेकिन श्रीराम अवस्थी को सिर में चोट आई.
     
श्योपुर जिले के पुलिस अधीक्षक संपत उपाध्याय के मुताबिक, “एक ऑन ड्यूटी डॉक्टर गसवानी गांव गए, जहां एक किसान गंगाराम के बेटे के बारे में पता चला, जो गुना जिले से अपने पैतृक गांव आ रहा था. चूंकि गंगाराम का बेटा दूसरे जिले से आया था, इसलिए विजयपुर सरकार में तैनात डॉक्टर पवन उपाध्याय गोपाल की जांच के लिए गांव गए थे. वहां उन लोगों ने स्क्रीनिंग में सहयोग के बजाए डॉक्टरों को भगा दिया."
       
पुलिस ने गंगाराम और उसके एक बेटे को गिरफ्तार कर लिया लेकिन गोपाल भागने में कामयाब रहा. फिलहाल तीनों पर आईपीसी की धारा 188 (सरकार या किसी सरकारी अधिकारी द्वारा कानूनी रूप से दिए गए आदेशों का उल्लंघन), 269 (किसी बीमारी को फैलाने के लिए किया गया गैरजिम्मेदाराना काम जिससे किसी अन्य व्यक्ति की जान को खतरा हो), 270 ( किसी जानलेवा बीमारी को फैलाने के लिए किया गया घातक या फिर नुकसानदायक काम) और 353 के तहत मामला दर्ज किया गया है.
          
मध्यप्रदेश में डॉक्टरों, पुलिस या सफाई कर्मचारियों पर यह पांचवां हमला है. 17 मार्च को देवास जिले में दो सफाई कर्मचारियों पर हमला किया गया था. मामले में एक मौलाना के अलावा एक व्यक्ति और उसके दो बेटों सहित चार लोगों को गिरफ्तार किया गया था. उनमें से एक आरोपी पर रासुका के तहत कार्रवाई की गई. इन घटनाओं से पहले एक अप्रैल को इंदौर के टाट पट्टी बाखल में दो महिला डॉक्टरों पर हमला किया गया था और सात अप्रैल को इंदौर के चंदन नगर में एक पुलिस कांस्टेबल पर हमला किया गया था. दोनों घटनाओं में 20 लोगों को गिरफ्तार किया गया, जिनमें से आठ के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) की कार्रवाई की गई.

मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में भी 6 अप्रैल की रात को तलैया क्षेत्र में हिस्ट्रीशीटर शाहिद कबूतर और उसके साथियों ने पांच सरकारी कर्मचारियों पर हमला किया था. अगले दिन शाहिद कबूतर, उसके साथी मोहसिन कचौड़ी सहित पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया था.

मध्यप्रदेश के गृह और स्वास्थ्य मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा ने श्योपुर में हुई घटना में चोटिल डॉक्टर पवन कुमार उपाध्याय और एएसआई श्रीराम अवस्थी से बात की. उन्होंने कहा कि "आप हमारे कोरोना वारियर,  सरकार आपके साथ. आपको अपना मनोबल ऊंचा रखना है. आप जैसे वीरों की मदद से ही हम कोरोना महामारी का अंत करेंगे. पूरी सरकार आपके साथ है.''

(श्योपुर से अजय राठौर के इनपुट के साथ)

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