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नर्मदा बचाओ आंदोलन से जुड़े लोगों का आरोप है कि मध्य प्रदेश सरकार कोर्ट के आदेश की भी अनदेखी कर रही है, जिसमें पानी बढ़ाने से 6 महीने पहले लोगों को कहीं और बसाने की बात कही गई है।
आंदोलन कर रहे लोगों की सेहत खराब होने लगी है और त्वचा पर भी बुरा असर पड़ रहा है। मौके पर न कोई एंबुलेंस है और न ही प्रशासन का कोई नुमाइंदा। आंदोलनकारी जिले के अफसरों और राज्य के चीफ प्रिसिंपल सेक्रेटरी से मिल चुके हैं, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। ओंकारेश्वर बांध में पानी 190.5 मीटर तक पहुंच चुका है और इसका असर घोगल, कामनखेड़ा जैसे 28 दूसरे गांवों में देखा जा सकता है। बढ़ता पानी फसलों को भी बर्बाद कर रहा है।
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