महाराष्ट्र में किसानों का आंदोलन जारी है लेकिन इसके साथ-साथ किसानों की आत्महत्याओं की खबरें भी आ रही हैं.
मुंबई:
महाराष्ट्र में किसानों का आंदोलन जारी है. फिलहाल मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के आश्वासन के अलावा उनके पक्ष में इसका कोई सार्थक नतीजा सामने नहीं आया है. किसान कर्ज माफी के लिए आंदोलन कर रहे हैं. दूसरी तरफ राज्य में किसानों की खुदकुशी का सिलसिला थम नहीं रहा है. किसानों के मौजूदा आंदोलन के दौरान ही राज्य में कम से कम चार किसानों की खुदकुशी की खबर सामने आई है.
पुलिस ने कहा कि 26 वर्षीय रमेश रामदास दलवी ने मंगलवार को जालना जिले की भोकारदन तहसील में अपने खेत में फांसी लगा ली. पुलिस के अनुसार दलवी ने एक सप्ताह पहले भी खुदकुशी का प्रयास किया था लेकिन कुछ पड़ोसियों ने उसे उस समय रोक दिया था.
इसके अलावा नांदेड़ जिले में मंगलवार को 40 साल के परमेश्वर वानखेडे ने फांसी लगा ली. बुलढाणा की मेहकर तहसील में 46 वर्षीय किसान संजय घानवाट ने कृषि में नुकसान होने पर खुदकुशी कर ली. नासिक जिले की येवला तहसील में पांच जून की रात में नवनाथ चांगदेव भालेराव ने जहरीला पदार्थ पीकर आत्महत्या कर ली.
यह भी पढ़ें- महाराष्ट्र में किसानों का आंदोलन जारी, कैबिनेट की बैठक में नहीं आए शिवसेना के मंत्री
गौरतलब है कि महाराष्ट्र में बीते कुछ वर्षों में सैकड़ों किसानों ने आत्महत्याएं की हैं. इनमें से कई ने कर्ज न चुका पाने से परेशान होकर मौत को गले लगाया. विदर्भ और मराठवाड़ा में पिछले कुछ वर्षों में सूखे समेत अन्य प्राकृतिक प्रकोपों के चलते किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है.
(इनपुट एजेंसी से)
पुलिस ने कहा कि 26 वर्षीय रमेश रामदास दलवी ने मंगलवार को जालना जिले की भोकारदन तहसील में अपने खेत में फांसी लगा ली. पुलिस के अनुसार दलवी ने एक सप्ताह पहले भी खुदकुशी का प्रयास किया था लेकिन कुछ पड़ोसियों ने उसे उस समय रोक दिया था.
इसके अलावा नांदेड़ जिले में मंगलवार को 40 साल के परमेश्वर वानखेडे ने फांसी लगा ली. बुलढाणा की मेहकर तहसील में 46 वर्षीय किसान संजय घानवाट ने कृषि में नुकसान होने पर खुदकुशी कर ली. नासिक जिले की येवला तहसील में पांच जून की रात में नवनाथ चांगदेव भालेराव ने जहरीला पदार्थ पीकर आत्महत्या कर ली.
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गौरतलब है कि महाराष्ट्र में बीते कुछ वर्षों में सैकड़ों किसानों ने आत्महत्याएं की हैं. इनमें से कई ने कर्ज न चुका पाने से परेशान होकर मौत को गले लगाया. विदर्भ और मराठवाड़ा में पिछले कुछ वर्षों में सूखे समेत अन्य प्राकृतिक प्रकोपों के चलते किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है.
(इनपुट एजेंसी से)
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