नई दिल्ली:
भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के महानिदेशक अजय चड्ढा ने गुरुवार को कहा कि बद्रीनाथ से करीब ढाई हजार लोग निकाले जाने का इंतजार कर रहे हैं जबकि केदारनाथ में बचाव और राहत अभियान समाप्त हो गया है।
चड्ढा ने कहा कि आईटीबीपी अभी तक करीब 31 हजार लोगों को निकाल चुका है जबकि राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) ने करीब 6640 लोगों को बचाया है।
उन्होंने कहा, ‘‘दो हजार से ढाई हजार लोग हर्षिल से निकाले जाने का इंतजार कर रहे हैं जबकि हमने 500 लोगों को निकाला है।’’ उन्होंने बताया कि 560 लोग पैदल ही हनुमान चट्टी पहुंचे हैं।
चड्ढा ने कहा, ‘‘लंबागढ़ और हनुमान चट्टी के बीच कहीं पर स्थित एक पैदल पुल पानी के तेज प्रवाह से टेढ़ा हो गया है और वे उसकी मरम्मत करने का प्रयास कर रहे हैं। हमने लोगों को नदी पार करने में मदद के लिए एक रस्सी का पुल बनाया है।’’
राहत अभियान के दौरान वायुसेना के एक हेलीकॉप्टर के गौरीकुंड के पास दुर्घटनाग्रस्त होने पर चड्ढा ने कहा कि दुर्घटनाग्रस्त हेलीकॉप्टर के मलबे से अभी तक 18 शव मिले हैं। ‘‘बाकी दो शवों के लिए तलाश जारी है।’’ आईटीबीपी प्रमुख ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का भी धन्यवाद दिया जिन्होंने उन्हें फोन करके उत्तराखंड में चलाये जा रहे राहत एवं बचाव अभियान आईटीबीपी और एनडीआरएफ के कार्य की प्रशंसा की थी।
उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री ने हेलीकॉप्टर दुर्घटना में जान गंवाने वाले हमारे जवानों के लिए दुख व्यक्त किया और हमें उनके परिवारों को पूरा सहयोग मुहैया कराने के लिए कहने के साथ ही इसके लिए हमें सभी संभव मदद का भरोसा दिया।’’ उन्होंने उन दावों को खारिज किया कि आईटीबीपी कर्मियों को गौचर मेस से हटाया गया ताकि वहां पर राहुल गांधी को ठहराया जा सके। उन्होंने कहा कि कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी एसपीजी सुरक्षा प्राप्त व्यक्ति हैं और वे उस क्षेत्र में आये थे। उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करना उनकी जिम्मेदारी थी।
उन्होंने कहा, ‘‘मुख्यमंत्रियों सहित कई अन्य वीआईपी मेस में ठहरे थे। यह कहना गलत है कि राहुल गांधी को ठहराने के लिए किसी को वहां से हटाया गया और उन्हें उनके दम पर छोड़ दिया गया।’’
चड्ढा ने कहा कि आईटीबीपी अभी तक करीब 31 हजार लोगों को निकाल चुका है जबकि राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) ने करीब 6640 लोगों को बचाया है।
उन्होंने कहा, ‘‘दो हजार से ढाई हजार लोग हर्षिल से निकाले जाने का इंतजार कर रहे हैं जबकि हमने 500 लोगों को निकाला है।’’ उन्होंने बताया कि 560 लोग पैदल ही हनुमान चट्टी पहुंचे हैं।
चड्ढा ने कहा, ‘‘लंबागढ़ और हनुमान चट्टी के बीच कहीं पर स्थित एक पैदल पुल पानी के तेज प्रवाह से टेढ़ा हो गया है और वे उसकी मरम्मत करने का प्रयास कर रहे हैं। हमने लोगों को नदी पार करने में मदद के लिए एक रस्सी का पुल बनाया है।’’
राहत अभियान के दौरान वायुसेना के एक हेलीकॉप्टर के गौरीकुंड के पास दुर्घटनाग्रस्त होने पर चड्ढा ने कहा कि दुर्घटनाग्रस्त हेलीकॉप्टर के मलबे से अभी तक 18 शव मिले हैं। ‘‘बाकी दो शवों के लिए तलाश जारी है।’’ आईटीबीपी प्रमुख ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का भी धन्यवाद दिया जिन्होंने उन्हें फोन करके उत्तराखंड में चलाये जा रहे राहत एवं बचाव अभियान आईटीबीपी और एनडीआरएफ के कार्य की प्रशंसा की थी।
उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री ने हेलीकॉप्टर दुर्घटना में जान गंवाने वाले हमारे जवानों के लिए दुख व्यक्त किया और हमें उनके परिवारों को पूरा सहयोग मुहैया कराने के लिए कहने के साथ ही इसके लिए हमें सभी संभव मदद का भरोसा दिया।’’ उन्होंने उन दावों को खारिज किया कि आईटीबीपी कर्मियों को गौचर मेस से हटाया गया ताकि वहां पर राहुल गांधी को ठहराया जा सके। उन्होंने कहा कि कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी एसपीजी सुरक्षा प्राप्त व्यक्ति हैं और वे उस क्षेत्र में आये थे। उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करना उनकी जिम्मेदारी थी।
उन्होंने कहा, ‘‘मुख्यमंत्रियों सहित कई अन्य वीआईपी मेस में ठहरे थे। यह कहना गलत है कि राहुल गांधी को ठहराने के लिए किसी को वहां से हटाया गया और उन्हें उनके दम पर छोड़ दिया गया।’’
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