
कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
कश्मीर मुद्दे का अंतरराष्ट्रीयकरण करने की कोशिश के लिए कांग्रेस ने शुक्रवार को पाकिस्तान की निंदा की। यही नहीं पड़ोसी देश के दु:साहसिक कदम उठाने के लिए नरेन्द्र मोदी सरकार पर 'बेतुका' पाक नीति अपनाने का आरोप लगाया।
कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने कहा कि पाकिस्तान के प्रति सरकार की नीति 'लगातार यूटर्न लेने, बदलाव और पलट जाने की कहानी है', जिससे भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा प्रभावित हो रही है। उन्होंने प्रधानमंत्री से पूछा कि इतने कदम उठाने के बाद पाकिस्तान पर उनकी क्या उपलब्धि है।
उन्होंने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, 'पाकिस्तान में सुरक्षा और राजनीतिक प्रतिष्ठानों से जो युद्ध की स्थिति और धृष्टता दिखाई दे रही है वह बीजपी-एनडीए सरकार के कदमों के कारण है। प्रधानमंत्री पाकिस्तान के लिए उपयुक्त नीति बनाने में विफल रहे हैं।'
उन्होंने कहा, 'भारत सरकार की पाकिस्तान के प्रति नीति यू टर्न लेने, बदलाव और पलट जाने की लगातार कहानी है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि इससे राष्ट्रीय सुरक्षा प्रभावित हो रही है।'
तिवारी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर की संवेदनशील स्थिति का अंतरराष्ट्रीयकरण करने की पाकिस्तान के पिछले ढाई दशक से चल रहे ढीठ प्रयास की कठोरतम शब्दों में निंदा की जानी चाहिए।
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने कहा कि पाकिस्तान के प्रति सरकार की नीति 'लगातार यूटर्न लेने, बदलाव और पलट जाने की कहानी है', जिससे भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा प्रभावित हो रही है। उन्होंने प्रधानमंत्री से पूछा कि इतने कदम उठाने के बाद पाकिस्तान पर उनकी क्या उपलब्धि है।
उन्होंने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, 'पाकिस्तान में सुरक्षा और राजनीतिक प्रतिष्ठानों से जो युद्ध की स्थिति और धृष्टता दिखाई दे रही है वह बीजपी-एनडीए सरकार के कदमों के कारण है। प्रधानमंत्री पाकिस्तान के लिए उपयुक्त नीति बनाने में विफल रहे हैं।'
उन्होंने कहा, 'भारत सरकार की पाकिस्तान के प्रति नीति यू टर्न लेने, बदलाव और पलट जाने की लगातार कहानी है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि इससे राष्ट्रीय सुरक्षा प्रभावित हो रही है।'
तिवारी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर की संवेदनशील स्थिति का अंतरराष्ट्रीयकरण करने की पाकिस्तान के पिछले ढाई दशक से चल रहे ढीठ प्रयास की कठोरतम शब्दों में निंदा की जानी चाहिए।
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