फाइल फोटो
नई दिल्ली:
हुर्रियत नेता मीरवाइज़ ऊमर फ़ारूक़ का राजनीतिक सलाहकार है शाहिद उल इस्लाम. एक तस्वीर सामने आई है जिसमें शाहिद हिज़्बुल मुजाहिदीन के सुप्रीम कमांडर सैयद सलाहुद्दीन के साथ खड़ा है. शाहिद को सलाहुद्दीन के सबसे क़रीबी लोगों में एक माना जाता है. वही शाहिद उल इस्लाम आजकल एनआईए की गिरफ़्त में है.
एनआईए की मानें तो हुर्रियत के नरमपंथी धड़े के इस नेता के घर से उन्हें घाटी में सक्रिय आतंकियों की लिस्ट भी मिली है और लश्कर की चिट्ठियां भी. एनडीटीवी इंडिया के पास भी ये लिस्ट है जिसमें ये दर्ज है कि...
- किस ज़िले में कितने पाकिस्तानी और कितने लोकल आतंकी सक्रिय हैं
- कौन सा आतंकी किस तंजीम का है और किस हैसियत का
- लिस्ट में लश्कर के 82 आतंकियों के नाम हैं
- ये भी ज़िक्र है कि उनको किस इलाक़े में काम करना है
शाहिद उल इस्लाम 1990 के दशक में हिज़्बुल्लाह से जुड़ा हुआ था. पाकिस्तान में उसने भी ट्रेनिंग हासिल की थी और उसका लॉन्चिंग कमांडर भी रह चुका है. भारत वापस आने के बाद से वो मीरवाइज़ उमर फ़ारूक़ के साथ जुड़ा रहा है.
एनआईए की मानें तो शाहिद से मिली जानकारी बताती है कि नरमपंथियों के रिश्ते भी सीधे आतंकियों से जुड़ते हैं. एनआईए अब मीरवाइज़ ओमर फ़ारूक़ से भी जल्द पूछताछ करेगी. एनआईए के आईजी अलोक मित्तल ने एनडीटीवी इंडिया से कहा, "हमने बहुत सारे फ़ोन कॉल का विश्लेषण किया है. साफ़ हो चला है कि इन नेताओं के ना सिर्फ़ पत्थरबाजों से बल्कि आतंकियों से भी रिश्ते हैं. जिस जिसका नाम आ रहा है उन सबसे पूछताछ की जाएगी."
एनआईए ने जिस दिन से हुर्रियत के नेताओं की गिरफ़्तारी और पूछताछ शुरू की है, उस दिन से घाटी में पत्थरबाज़ी की घटनाएं भी घट गई हैं. शुक्रवार को एनआईए सब गिरफ़्तार आरोपियों को कोर्ट में पेश करेगी. जांच से जुड़े हुए एक एनआईए अफ़सर ने बताया, "हम इनकी रिमांड बढ़वाएंगे क्योंकि अभी ऐसे कई पहलू हैं जिनके बारे में जानकारी हासिल करनी है."
एनआईए की मानें तो हुर्रियत के नरमपंथी धड़े के इस नेता के घर से उन्हें घाटी में सक्रिय आतंकियों की लिस्ट भी मिली है और लश्कर की चिट्ठियां भी. एनडीटीवी इंडिया के पास भी ये लिस्ट है जिसमें ये दर्ज है कि...
- किस ज़िले में कितने पाकिस्तानी और कितने लोकल आतंकी सक्रिय हैं
- कौन सा आतंकी किस तंजीम का है और किस हैसियत का
- लिस्ट में लश्कर के 82 आतंकियों के नाम हैं
- ये भी ज़िक्र है कि उनको किस इलाक़े में काम करना है
शाहिद उल इस्लाम 1990 के दशक में हिज़्बुल्लाह से जुड़ा हुआ था. पाकिस्तान में उसने भी ट्रेनिंग हासिल की थी और उसका लॉन्चिंग कमांडर भी रह चुका है. भारत वापस आने के बाद से वो मीरवाइज़ उमर फ़ारूक़ के साथ जुड़ा रहा है.
एनआईए की मानें तो शाहिद से मिली जानकारी बताती है कि नरमपंथियों के रिश्ते भी सीधे आतंकियों से जुड़ते हैं. एनआईए अब मीरवाइज़ ओमर फ़ारूक़ से भी जल्द पूछताछ करेगी. एनआईए के आईजी अलोक मित्तल ने एनडीटीवी इंडिया से कहा, "हमने बहुत सारे फ़ोन कॉल का विश्लेषण किया है. साफ़ हो चला है कि इन नेताओं के ना सिर्फ़ पत्थरबाजों से बल्कि आतंकियों से भी रिश्ते हैं. जिस जिसका नाम आ रहा है उन सबसे पूछताछ की जाएगी."
एनआईए ने जिस दिन से हुर्रियत के नेताओं की गिरफ़्तारी और पूछताछ शुरू की है, उस दिन से घाटी में पत्थरबाज़ी की घटनाएं भी घट गई हैं. शुक्रवार को एनआईए सब गिरफ़्तार आरोपियों को कोर्ट में पेश करेगी. जांच से जुड़े हुए एक एनआईए अफ़सर ने बताया, "हम इनकी रिमांड बढ़वाएंगे क्योंकि अभी ऐसे कई पहलू हैं जिनके बारे में जानकारी हासिल करनी है."
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