नई दिल्ली:
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा कि मोबाइल सिम कार्ड रखने वालों के वेरिफिकेशन के लिए क्या मैकेनिजम है? कोर्ट ने केंद्र को 2 हफ्ते में यह साफ करने को कहा है. सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश जगदीश सिंह खेहर ने कहा कि मोबाइल सिम कार्ड रखने वालों की पहचान ना हो तो ये धोखाधड़ी से रुपये निकालने के काम में इस्तेमाल हो सकता है. सरकार को जल्द ही पहचान करने की प्रक्रिया करनी चाहिए.
वहीं, केंद्र की ओर से कहा गया कि इस मामले में उसे हलफनामा दाखिल करने के लिए वक्त चाहिए लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने दो हफ्ते का वक्त दिया.
दरअसल सुप्रीम कोर्ट एनजीओ लोकनीति की जनहित याचिका पर सुनवाई कर रहा है जिसमें कहा गया है कि केंद्र सरकार और ट्राई को ये निर्देश दिए जाए कि मोबाइल सिम धारकों की पहचान, पता और सभी डिटेल उपलब्ध हों. कोई भी मोबाइल सिम बिना वैरिफिकेशन के ना दिया जाए. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी कर जवाब मांगा था.
वहीं, केंद्र की ओर से कहा गया कि इस मामले में उसे हलफनामा दाखिल करने के लिए वक्त चाहिए लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने दो हफ्ते का वक्त दिया.
दरअसल सुप्रीम कोर्ट एनजीओ लोकनीति की जनहित याचिका पर सुनवाई कर रहा है जिसमें कहा गया है कि केंद्र सरकार और ट्राई को ये निर्देश दिए जाए कि मोबाइल सिम धारकों की पहचान, पता और सभी डिटेल उपलब्ध हों. कोई भी मोबाइल सिम बिना वैरिफिकेशन के ना दिया जाए. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी कर जवाब मांगा था.
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