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This Article is From Mar 28, 2015

मिजोरम ने नौ महीनों में देखे छह राज्यपाल

नई दिल्ली : अजीज कुरैशी के बर्खास्त होने के साथ ही पूर्वोत्तर का छोटा सा राज्य मिजोरम नरेंद्र मोदी सरकार बनने के बाद राज्यपालों के लिए संकट की जगह बन रहा है, जहां महज नौ महीनों में छह राज्यपाल बदल गए हैं।

राज्यपालों को हटाने के मुद्दे पर केंद्र के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने वाले कुरैशी (74) को राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने आज बर्खास्त कर दिया। उत्तराखंड से तबादला किए जाने के बाद कुरैशी ने नौ जनवरी को मिजोरम के राज्यपाल का पदभार संभाला था। उनका कार्यकाल मई 2017 तक था।

मिजोरम में राज्यपालों की बदकिस्मती पिछले साल जुलाई में शुरू हुई, जब मोदी सरकार द्वारा पड़ोसी राज्य नगालैंड स्थानांतरित किए गए वी. पुरषोत्तम ने यह कहते हुए पद छोड़ दिया कि उनसे परामर्श नहीं किया गया था।

इसके बाद 87 वर्षीय कमला बेनीवाल का तबादला गुजरात से मिजोरम किया गया। उन्होंने छह जुलाई को प्रदेश के 12वें राज्यपाल का पदभार संभाला, लेकिन वह अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाईं। सरकार ने उनके कथित अनुचित कार्यों को लेकर महीने भर बाद ही उन्हें बर्खास्त कर दिया, हालांकि उन्होंने इन आरोपों से इनकार किया। उनका दो महीने का कार्यकाल बचा हुआ था।

इसके बाद महाराष्ट्र के राज्यपाल के. शंकरनारायण का मिजोरम तबादला कर दिया गया। हालांकि, उन्होंने पदभार संभालने से इनकार कर दिया और 24 अगस्त को तबादला आदेश जारी होने के शीघ्र बाद पद छोड़ दिया।

मणिपुर के तत्कालीन राज्यपाल एवं पूर्व केंद्रीय गृहसचिव वीके दुग्गल को मिजोरम का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया। उनका कार्यकाल भी पूरा नहीं हुआ और उन्होंने 28 अगस्त को इस्तीफा दे दिया। उत्तराखंड भेजे जाने से पहले के के पॉल को मेघालय के साथ मिजोरम का भी अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया था।

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