गुमशुदा बच्चों के मामले में सरकार पर बरसा सुप्रीम कोर्ट, कहा- प्रशासन की हालत अफसोसजनक

नई दिल्‍ली:

गुमशुदा बच्चों के मामले में ढिलाई बरतने पर सुप्रीम कोर्ट केंद्र सरकार पर जमकर बरसा। कोर्ट ने कहा कि ये प्रशासन की अफ़सोस जनक हालत है। सुप्रीम कोर्ट ने 50 हज़ार रुपये का जुर्माना लगाते हुए महिला एवं बाल कल्याण मंत्रालय के सचिव को तलब किया है।

सोशल जस्टिस बेंच ने सरकार को फटकार लगते हुए कहा कि ये कानून बने हुए 15 साल बीत गए लेकिन केंद्र संसद के ही बनाये हुए कानून का पालन नहीं कर रही है। यहां बच्चे गायब हो रहे हैं और सरकार चिट्टी भेजने में लगी है। कोर्ट ने कहा कि इसे प्रशासन की अफसोसजनक हालत ही कहा जाएगा।

सुप्रीम कोर्ट ने सरकार द्वारा नेशनल कमिशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ़ चाइल्ड राइट्स के चेयरमैन और सदस्यों की नियुक्ति न करने पर भी गहरी नाराज़गी जाहिर की।

इसके अलावा राज्यों में एडवाइजरी बोर्ड के गठन न करने पर भी चिंता जताई। कोर्ट ने 1 मई को अगली सुनवाई का वक़्त रखा है और सरकार को सारी  रिपोर्ट देने को कहा है। इसके साथ ही महिला अवं बाल कल्याण मंत्रालय के सचिव को भी हाज़िर होने के आदेश दिए हैं। इससे पहले कोर्ट कई राज्यों के मुख्य सचिव और डीजीपी को तलब कर चुका है।

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सुप्रीम कोर्ट बचपन बचाओ आंदोलन की याचिका पर सुनवाई कर रहा है जिसमें गुमशुदा बच्चों के मामले में कड़े कदम उठाने की मांग की गयी है।