जींद:
हरियाणा के मिर्चपुर में पिछले साल हुई जातीय हिंसा की जांच एक विशेष जांच दल (एसआईटी) से कराने की मांग को लेकर पिछले 11 दिनों से धरना दे रहे जाट समुदाय ने बुधवार अपराह्न् अपना आंदोलन समाप्त कर दिया। समुदाय ने यह कदम मंगलवार देर रात मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा से मुलाकात के बाद उठाया। एक अधिकारी ने बताया कि मुख्यमंत्री ने उनकी मांगों को स्वीकार किया है कि नहीं अभी यह स्पष्ट नहीं हो सका है। जाट आंदोलनकारियों ने यहां राष्ट्रीय राजमार्ग और महत्वपूर्ण सड़क सम्पर्कों को अवरुद्ध करने के लिए लगाए गए बैरिकेड हटा लिए। उन्होंने बुधवार शाम चार बजे तक दिल्ली फिरोजपुर रेल पटरी पर गत 11 दिनों से जारी धरना भी खत्म कर दिया। इस बीच जींद जिले में हालात सामान्य होने लगे हैं। सड़क यातायात शुरू हो गई है जबकि अधिकारी अभी रेल पटरियों का जायजा ले रहे हैं। जिला प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, "इस बात की आशंका है कि प्रदर्शनकारी कुछ स्थानों पर रेल पटरियों को नुकसान पहुंचाए होंगे। इसलिए रेलगाड़ियों को चलाए जाने से पहले अधिकारी रेल पटरियों की जांच कर रहे हैं।" उन्होंने बताया, "राज्य परिवहन की बसों सहित सड़क यातायात शुरू हो गया है। ज्ञात हो कि कैथल कस्बे में मंगलवार को मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा से मिलने के बाद जाट प्रतिनिधियों ने अपना आंदोलन खत्म किया। इसके पहले राज्य सरकार और जाट प्रतिनिधियों के बीच दो दौर की वार्ता असफल हो गई थी। इसके बाद सोमवार को एक 45 सदस्यीय समिति का गठन किया गया था। हरियाणा सरकार के एक आधिकारिक प्रवक्ता ने बताया, "जाट समुदाय के 45 सदस्यीय समिति ने मुख्यमंत्री को प्रदर्शन खत्म करने का आश्वासन दिया है।" नवगठित समिति के अध्यक्ष भाग सिंह जलाभ ने बताया, "मुख्यमंत्री के साथ हमारी बैठक बेहद सौहार्दपूण रही और संतुष्टि के बाद ही प्रदर्शन को वापस लेने का फैसला लिया गया है।" उन्होंने कहा, "हमें न्याय प्रणाली पर पूरा विश्वास है।" महिलाओं सहित प्रदर्शनकारी जींद में पिछले 11 दिनों से धराना दे रहे थे और उन्होंने रविवार से अपना प्रदर्शन तेज कर दिया था। प्रदर्शनकारियों ने जींद रेलवे स्टेशन के समीप सभी राजमार्गों और दिल्ली-फिरोजपुर रेलमार्ग को बंद कर रखा। इसकी वजह से मंगलवार को तीसरे दिन भी जींद जिला राज्य के बाकी हिस्सों से कटा रहा। प्रदर्शनकारियों ने हिसार, भिवानी, फतेहाबाद और रोहतक जिलों में भी नाकेबंदी की। गौरतलब है कि जाट महापंचायत ने मिर्चपुर हिंसा मामले की जांच एसआईटी से कराने की मांग की है। इस हिंसा में एक दलित बुजुर्ग और उसकी विकलांग बेटी की मौत हो गई थी। राज्य सरकार इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपने के लिए सहमत हुई है, लेकिन प्रदर्शनकारी इस मामले की जांच एसआईटी से कराने पर अड़े हैं। इसके अलावा उन्होंने मामले की सुनवाई नई दिल्ली से हिसार स्थानांतरित करने और गिरफ्तार जाट युवकों को रिहा करने की मांग की है।
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