ये बात किसी से छिपी नहीं है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बीच सब कुछ सामान्य नहीं है. इसका एक कारण कोरोना वायरस के संक्रमण के रोकथाम के लिए लॉकडाउन के बाद योगी आदित्यनाथ के कई फैसले रहे जिससे नीतीश कुमार ख़ुश नही हैं. लेकिन ये भी सच हैं कि अधिकांश प्रवासी बिहारी जो दिल्ली या अन्य राज्यों से उत्तर प्रदेश के शहरों को होते हुए बिहार आ रहे हैं उनके लिए अपने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लेकर जो तल्ख़ी होती हैं उतना ही बीजेपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रशासन के लिए तारीफ़ के शब्द.
एनडीटीवी को शुक्रवार को पटना से गोपालगंज में उत्तर प्रदेश सीमा तक एक नहीं कई लोग मिले जिन्होंने इस बात को स्वीकार किया कि पैसे के अभाव में वो पैदल चल रहे थे लेकिन यूपी पुलिसकर्मी ने ना केवल उन्हें किसी वाहन में बैठा कर एक जगह से दूसरे जगह जाने का इंतज़ाम किया बल्कि खाने का सामान भी दिया. बिहार के छपरा के कई युवकों ने अपने बैग से बिस्किट और पानी की बोतलों को दिखाते हुए कहा कि देखिए कैसे और कितना ख़्याल रखा गया लेकिन बिहार में हम अपने राज्य में पैदल चलने को मजबूर हैं. वहीं कई लोग मिले जिन्होंने शिकायत कि उत्तर प्रदेश सीमा पर बिहार पुलिस उन्हें उतारकर ज़बरदस्ती 4 किलोमीटर चलने पर मजबूर कर रही है. उसके बाद जलालपुर में उनका रजिस्ट्रेशन कराया गया जहां बसें भी पर्याप्त नही हैं.
ट्रेन के इंतजार में मजदूरों की लंबी कतार
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