
जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा मुफ्ती की जन सुरक्षा अधिनियम (PSA) के तहत अपनी मां को बंदी बनाए जाने के खिलाफ दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू- कश्मीर प्रशासन से पूछा कि महबूबा को कब तक हिरासत में रखा जा सकता है? कोर्ट ने जम्मू- कश्मीर प्रशासन से अपने रुख की जानकारी देने के लिए कहा है. उच्चतम न्यायलय ने पूछा कि क्या उनकी हिरासत एक साल से आगे बढ़ाई जा सकती है. कोर्ट ने महबूबा की बेटी इल्तिजा मुफ्ती की संशोधित याचिका पर केंद्र से एक हफ्ते में जवाब मांगा है. अगली सुनवाई 15 अक्टूबर को होगी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हिरासत हमेशा के लिए नहीं हो सकती है.
श्रीनगर के जिला मजिस्ट्रेट ने सुप्रीम कोर्ट में दायर अपने हलफनामे में कहा है, याचिकाकर्ता को पहले हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाना चाहिए था. उन्होंने अपील की कि याचिका खारिज होनी चाहिए क्योंकि उपलब्ध उपाय के रूप में महबूबा अपने प्रतिनिधित्व के साथ सलाहकार बोर्ड से संपर्क कर सकती हैं. महबूबा को सार्वजनिक व्यवस्था के खिलाफ कार्य करने से रोकने के लिए हिरासत में लिया गया. हिरासत के लिए आधार पर्याप्त सामग्री और आधार मौजूद हैं.
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अपनी याचिका में इल्तिजा ने कोर्ट को बताया कि जेल में कैद मुफ्ती को उनसे नहीं मिलने दिया जा रहा है. इस पर कोर्ट ने इल्तिजा और उसके भाई को हिरासत में महबूबा से मिलने की अनुमति दी है.हालांकि राजनीतिक नेताओं से मिलने आदि के लिए महबूबा की अनुमति के बारे में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सामान्य अनुमति नहीं दी जा सकती है, लेकिन वह संबंधित अधिकारियों को आवेदन कर सकते हैं.
इल्तिजा ने सर्वोच्च अदालत से आग्रह किया था कि उनकी मां को राजनीतिक गतिविधियां शुरू करने की इजाजत दी जाए. उन्होंने कहा कि उनकी मां एक राजनीतिक पार्टी की अध्यक्ष हैं. इसलिए उन्हें अपनी जिम्मेदारियों का निर्वाह करने करने दिया जाए. उन्हें अपने लोगों, पार्टी के पदाधिकारियों, कार्यकर्ताओं और आम लोगों से मिलने-बातचीत करने की छूट दी जाए. बता दें कि महबूबा को पांच अगस्त 2019 को हिरासत में लिया गया था. इसके बाद इसी साल फरवरी में उन्हें पीएसए के तहत बंदी बना लिया गया. इल्तिजा ने कहा कि उन्होंने अपनी मां को पीएसए के तहत बंदी बनाए जाने के फैसले को अदालत में चुनौती दी थी.
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अब बुधवार को उन्होंने संशोधन याचिका दायर की. इसमें उन्होंने अपील की है कि सर्वोच्च अदालत जम्मू कश्मीर प्रशासन को निर्देश दे कि महबूबा मुफ्ती से उनके परिवार के लोगों और रिश्तेदारों को हफ्ते में पांच दिन मिलने का मौका दिया जाए. इसके अलावा उनके घर का लैंडलाइन फोन बहाल किया जाए. नई याचिका में कहा गया है कि बंदी बनाए जाने के लिए जारी डोजियर बेकार, असंवैधानिक और आधारहीन है. कानून का दुरुपयोग करते हुए जन सुरक्षा अधिनियम की धारा 83 की उपधारा 3 बी का भी उल्लंघन किया गया है.
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