यौन उत्पीड़न के आरोपों में घिरे मेघालय के राज्यपाल वी. षणमुगनाथन ने गुरुवार को इस्तीफा दे दिया.
नई दिल्ली:
नवंबर में मेघालय के राज्यपाल वी षणमुगनाथन ने एक युवती को नौकरी के लिए इंटरव्यू देने को बुलाया था, जो उसके लिए दु:स्वप्न साबित हुआ. एनडीटीवी को अपने हाथ से लिखे और उस पर अपना हस्ताक्षर करके भेजे गए खत में युवती ने आरोप लगाया है, 'जब मैं वहां पहुंचीं...उन्होंने मेरी निजी जिंदगी के बारे में सवाल पूछे... और जबरन गले लगाकर मुझे किस कर लिया.'
राज्यपाल के खिलाफ राजभवन के 98 कर्मचारियों ने एक अप्रत्याशित कदम उठाते हुए सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखी थी. कर्मचारियों ने चिट्ठी में आरोप लगाया गया कि राज्यपाल ने राजभवन की गरिमा को गंभीर ठेस पहुंचाया और इसे 'लेडीज क्लब' में तब्दील कर दिया. उन्होंने आरोप लगाया था, 'यह ऐसा स्थान बन गया जहां राज्यपाल के सीधे निर्देश पर युवतियां आती और जाती थीं. उनमें से कई की उनके बेडरूम तक पहुंच थी.'
कर्मचारियों ने दावा किया था कि राज्यपाल के आवास की सुरक्षा के साथ भी समझौता किया गया. इस पत्र में कहा गया कि राज्यपाल ने रात की ड्यूटी पर दो पीआरओ, एक कुक और एक नर्स को नियुक्त किया और ये सभी महिलाएं हैं. महिला अधिकार कार्यकर्ताओं ने षणमुगनाथन को पद से हटाने के लिए हस्ताक्षर अभियान छेड़ दिया था.
इस हफ्ते की शुरुआत में चिट्ठी मिलने के बाद केंद्र ने षणमुगनाथन से स्पष्टीकरण देने को कहा था, लेकिन स्थानीय अखबारों में खबरें प्रकाशित होने के बाद उनकी परेशानी और बढ़ गई. गुरुवार रात को उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया, जिसे शुक्रवार को राष्ट्रपति ने मंजूर कर लिया. शुक्रवार को दिल्ली आने से पहले 67 साल के षणमुगनाथन ने गुवाहाटी में प्रसिद्ध कामख्या मंदिर में दर्शन किए.
कर्मचारियों ने उन पर अधिकारियों और दूसरे कर्मियों को अपमानित करने और मानसिक रूप से प्रताड़ित करने का भी आरोप लगाया था. कर्मचारियों ने यह भी दावा किया कि एक उप सचिव ने इतनी बेइज्जती महसूस की कि उन्हें ब्रेन स्ट्रोक हो गया और कुछ ही दिनों के भीतर उनकी मौत हो गई. षणमुगनाथन ने पिछले साल मई में मेघालय के राज्यपाल के रूप में शपथ ली थी. ज्योति प्रसाद राजखोवा को हटाए जाने के बाद पिछले नवंबर में उन्हें अरुणाचल प्रदेश का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया था.
राज्यपाल के खिलाफ राजभवन के 98 कर्मचारियों ने एक अप्रत्याशित कदम उठाते हुए सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखी थी. कर्मचारियों ने चिट्ठी में आरोप लगाया गया कि राज्यपाल ने राजभवन की गरिमा को गंभीर ठेस पहुंचाया और इसे 'लेडीज क्लब' में तब्दील कर दिया. उन्होंने आरोप लगाया था, 'यह ऐसा स्थान बन गया जहां राज्यपाल के सीधे निर्देश पर युवतियां आती और जाती थीं. उनमें से कई की उनके बेडरूम तक पहुंच थी.'
कर्मचारियों ने दावा किया था कि राज्यपाल के आवास की सुरक्षा के साथ भी समझौता किया गया. इस पत्र में कहा गया कि राज्यपाल ने रात की ड्यूटी पर दो पीआरओ, एक कुक और एक नर्स को नियुक्त किया और ये सभी महिलाएं हैं. महिला अधिकार कार्यकर्ताओं ने षणमुगनाथन को पद से हटाने के लिए हस्ताक्षर अभियान छेड़ दिया था.
इस हफ्ते की शुरुआत में चिट्ठी मिलने के बाद केंद्र ने षणमुगनाथन से स्पष्टीकरण देने को कहा था, लेकिन स्थानीय अखबारों में खबरें प्रकाशित होने के बाद उनकी परेशानी और बढ़ गई. गुरुवार रात को उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया, जिसे शुक्रवार को राष्ट्रपति ने मंजूर कर लिया. शुक्रवार को दिल्ली आने से पहले 67 साल के षणमुगनाथन ने गुवाहाटी में प्रसिद्ध कामख्या मंदिर में दर्शन किए.
कर्मचारियों ने उन पर अधिकारियों और दूसरे कर्मियों को अपमानित करने और मानसिक रूप से प्रताड़ित करने का भी आरोप लगाया था. कर्मचारियों ने यह भी दावा किया कि एक उप सचिव ने इतनी बेइज्जती महसूस की कि उन्हें ब्रेन स्ट्रोक हो गया और कुछ ही दिनों के भीतर उनकी मौत हो गई. षणमुगनाथन ने पिछले साल मई में मेघालय के राज्यपाल के रूप में शपथ ली थी. ज्योति प्रसाद राजखोवा को हटाए जाने के बाद पिछले नवंबर में उन्हें अरुणाचल प्रदेश का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया था.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं
मेघालय राज्यपाल, राज्यपाल का इस्तीफा, वी षणमुगनाथन, गवर्नर पर यौन उत्पीड़न आरोप, V Shanmuganathan, Meghalaya Governor, Meghalaya Governor Resigns