
प्रतीकात्मक फोटो
नई दिल्ली:
रेलवे ट्रैक के किनारे पनपने वाले मच्छरों का खात्मा करने निकल पड़ी मच्छरमार एक्सप्रेस। उत्तर रेलवे की इस ट्रेन का जैसा नाम है वैसा ही काम भी है। इसके निशाने पर रेलवे ट्रैक के किनारे के वे इलाके हैं जो आमतौर पर सीधी पहुंच में नहीं होते और मच्छरों के पनाहगाह बन जाते हैं। रेलवे ट्रैक के किनारे नाले और नालियों से लेकर ठहरे पानी की जगहें मच्छरों के पनपने के लिए बेहद माकूल होते हैं। ऐसी जगहों को चुन-चुन कर दवा छिड़की जा रही है।
गंदगी दिखते ही घट जाती है गति
गंदगी दिखते ही ट्रेन की रफ्तार धीमी हो जाती है और अगर जरूरत हुई तो रुककर छिड़काव का काम पूरा किया जाता है। बीस से तीस किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलती यह ट्रेन दिल्ली के रेलवे ट्रैक से सटे इलाकों को मच्छरों से आजाद कराने की मुहिम पर निकली है। दिल्ली के डीआरएम अरुण अरोड़ा कहते हैं कि यह ट्रेन चार राउंड में 8 दिन चलेगी और 150 किलो मीटर का रास्ता तय करेगी।
ट्रेन पर दो ट्रक दवा और ताकतवर स्प्रेयर
ट्रेन पर दो ट्रक दवा लदी है, जिसमें लगे स्प्रेयर इतने ताकतवर हैं कि पटरी से 50-60 मीटर तक का दायरा इसकी जद में होता है। मच्छरों के खिलाफ जारी इस मुहिम में एमसीडी, रेलवे की पार्टनर की भूमिका में है। दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के महापौर सुभाष आर्या बताते हैं कि ट्रेन के ऊपर ट्रक और उसकी दवाई निगम ने मुहैया कराई है जबकि अंजाम देने में अहम मदद रेलवे का है।
गंदगी दिखते ही घट जाती है गति
गंदगी दिखते ही ट्रेन की रफ्तार धीमी हो जाती है और अगर जरूरत हुई तो रुककर छिड़काव का काम पूरा किया जाता है। बीस से तीस किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलती यह ट्रेन दिल्ली के रेलवे ट्रैक से सटे इलाकों को मच्छरों से आजाद कराने की मुहिम पर निकली है। दिल्ली के डीआरएम अरुण अरोड़ा कहते हैं कि यह ट्रेन चार राउंड में 8 दिन चलेगी और 150 किलो मीटर का रास्ता तय करेगी।
ट्रेन पर दो ट्रक दवा और ताकतवर स्प्रेयर
ट्रेन पर दो ट्रक दवा लदी है, जिसमें लगे स्प्रेयर इतने ताकतवर हैं कि पटरी से 50-60 मीटर तक का दायरा इसकी जद में होता है। मच्छरों के खिलाफ जारी इस मुहिम में एमसीडी, रेलवे की पार्टनर की भूमिका में है। दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के महापौर सुभाष आर्या बताते हैं कि ट्रेन के ऊपर ट्रक और उसकी दवाई निगम ने मुहैया कराई है जबकि अंजाम देने में अहम मदद रेलवे का है।