वेतन-भत्ते में बढ़ोतरी समेत अपनी 17 मांगों को लेकर दिल्ली के तीनों नगर निगम के लगभग एक लाख सफ़ाई कर्मचारी हड़ताल पर हैं। सफ़ाई कर्मचारियों की हड़ताल का आज दूसरा दिन है। सफ़ाई कर्मचारियों ने मांगें पूरी नहीं होने तक हड़ताल की धमकी दी है। ऐसे में दिल्ली वासियों की परेशानी बढ़ सकती है।
केंद्र और दिल्ली सरकार आमने-सामने
वहीं, इस मुद्दे को लेकर केंद्र और दिल्ली सरकार एक बार फिर आमने-सामने हैं। बीजेपी इसके लिए केजरीवाल सरकार को ज़िम्मेदार ठहरा रही है। वहीं दिल्ली सरकार का दावा है कि वो उपराज्यपाल के मुकाबले कहीं ज्यादा पैसा निगम को दे चुकी है, लिहाजा ये बदनाम करने की एक सियासी साजिश है।
हड़ताल की वजह मजबूरी
दिल्ली के तीनों नगर निगम के करीब एक लाख सफाई कर्मचारी कल हड़ताल पर चले गए थे। वे इसकी वजह मर्जी से ज्यादा मजबूरी बताते हैं। समय पर वेतन नहीं मिलने पर कोई फीस को लेकर स्कूल का नोटिस दिखा रहा है तो कोई बीमारी में खर्च हुए पैसे का निगम से भुगतान नहीं होने का रोना रो रहा है। परेशानी यहीं नहीं थमती।
खुद के पैसों से खरीदनी पड़ती है झाड़ू
पूर्वी दिल्ली नगर निगम की सफाईकर्मी रमा बताती हैं कि कई बार तो झाड़ू भी खुद के पैसे से खरीदने पड़ते हैं। अपनी मांगों को लेकर ये सफाई कर्मी पहले 15 जुलाई से सिविक सेंटर पर धरना दे रहे थे। बात अनसुनी हुई तो हड़ताल पर उतर आए।
ये हैं मांगे
ये कर्मचारी कुल 17 मांगों को लेकर हड़ताल पर हैं, जिनमें समय पर वेतन, एरियर, मेडिकल कैशलेस कार्ड और प्रोमोशन शामिल हैं। आज अलग अलग इलाकों में ना तो कूड़ा उठाने वाले डंपर ही गए और ना ही जेसीबी लोडर। साफ सफाई को लेकर फिलहाल तो असर नहीं दिख रहा, लेकिन हड़ताल खींची तो समस्या भी दिखनी शुरू हो जाएगी।
बैठक रही बेनतीजा
आज दिल्ली सरकार के महिला और बाल कल्याण मंत्री संदीप कुमार ने निगम के यूनियन, कमिश्नर और डायरेक्टर लेवल के अधिकारियों से इस मसले को लेकर मिटिंग की, लेकिन ये बातचीत बेनतीजा निकली। उधर स्वतंत्र मजदूर विकास संयुक्त विकास मोर्चा के अध्यक्ष संजय गहलोत ने कहा कि इस बार हड़ताल तब तक खत्म नहीं होगी जब तक अकाउंट में पैसे नहीं आएंगे। इसी मसले पर दिल्ली सरकार के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि हमें बदनाम करने की साजिश चल रही है। उपराज्यपाल के मुकाबले हमने निगम को कहीं ज्यादा पैसा दिया है।
दिल्ली के लोगों की बढ़ सकती है परेशानी
ये कर्मचारी 15 जुलाई से अपनी मांगों को लेकर सिविक सेंटर पर धरना दे रहे थे। तीनों नगर निगम के कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने से राजधानी में कूड़ा उठाने और साफ-सफाई को लेकर परेशानी बढ़ सकती है हालांकि दिल्ली सरकार के मंत्री संदीप कुमार ने कर्मचारियों की मांगों पर विचार करने के लिए तीनों निगमों के कमिश्नरों की आज बैठक बुलाई है।
(सड़क किनारे लगा कूड़े का ढेर)
जून में भी हड़ताल पर थे सफाईकर्मी
इससे पहले, इसी साल जून में भी दिल्ली की तीनों नगरनिगमों के हजारों सफाई कर्मचारी वेतन का भुगतान नहीं होने के कारण हड़ताल पर थे। हसके चलते पूरे शहर में जगह-जगड़ कूड़े के ढेर लग गए थे और बीमारियों के फैलने का अंदेशा हो गया था। हड़ताल के आगे बढ़ने के साथ ही स्थिति बिगड़ती जा रही थी।
मामले में सियासी आरोप- प्रत्यारोप का दौर भी शुरू हो गया था। भाजपा शासित तीनों नगरनिगम जहां हड़ताल के लिए अरविंद केजरीवाल की 'आप' सरकार को जिम्मेदार ठहरा रही थी, वहीं आप सरकार इसका ठीकरा भाजपा नीत नगर निगम और केंद्र सरकार पर फोड़ रही थीं। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी भी आंदोलनरत सफाई कर्मियों के बीच पहुंचे थे। उप राज्यपाल नजीब जंग की ओर से वेतन के 493 करोड़ रुपए जारी किए जाने के आश्वासन के बाद ही करीब डेढ़ सप्ताह बाद यह हड़ताल टूटी थी।
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