बसपा अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने बुधवार को कहा कि अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (उत्पीड़न से संरक्षण) कानून के सख़्त प्रावधानों को बरक़रार रखने के उच्चतम न्यायालय के फ़ैसले से भाजपा और कांग्रेस के ‘दलित प्रेम' की पोल खुल गई है. मायावती ने अदालत के मंगलवार के फ़ैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए ट्वीट किया, 'माननीय उच्चतम न्यायालय ने SC/ST ACT 1989 के प्रावधानों को पुनः बहाल करते हुए कल अपने फैसले में दलित समाज के जीवन की कड़वी वास्तविकताओं और संघर्षों के संबंध में जो तथ्य सत्यापित किए हैं, वे खासकर सत्ताधरी भाजपा और कांग्रेस के 'दलित प्रेम' की पोल खोलते हैं.'
इसके साथ ही मायावती ने दलित एवं जनजाति समुदायों के अधिकारों की रक्षा के विषय पर देश और समाज को जागरुक बनाने की जरूरत पर भी बल दिया.
मा सुप्रीम कोर्ट ने एससी/एसटी कानून 1989 के प्रावधानों को पुनः बहाल करते हुए कल अपने फैसले में दलित समाज की कड़वी जीवन वास्तविकताओं व संघर्षों के सम्बंध में जो तथ्य सत्यापित किए हैं वे खासकर सत्ताधरी बीजेपी व कांग्रेस के 'दलित प्रेम' की पोल खोलते हैं। देश व समाज की जागरुकता जरूरी
— Mayawati (@Mayawati) October 2, 2019
जानें क्या है SC-ST एक्ट? सुप्रीम कोर्ट ने क्यों लिया अपना पुराना फैसला वापस
नीति आयोग की स्कूली शिक्षा सम्बंधी रैंकिग के मामले में उत्तर प्रदेश व उत्तराखण्ड देश में सबसे निचले पायदान पर हैं। देश व प्रदेश में सर्वाधिक समय तक शासन करने वाली पार्टियाँ खासकर कांग्रेस व बीजेपी आज गाँधी जयन्ती के दिन क्या जनता को जवाब दे पायेंगी कि ऐसी शर्मनाक जनबदहाली क्यों?
— Mayawati (@Mayawati) October 2, 2019
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने पूर्व आदेश को पलटते हुए दलित एवं जनजाति समुदायों के उत्पीड़न को रोकने के लिए SC/ST Act के सख़्त प्रावधानों को यथावत बरकरार रखने को कहा है. इसके साथ ही मायावती ने स्कूली शिक्षा के मामले मे उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड की निम्न रैंकिंग के लिए भी भाजपा और कांग्रेस की ग़लत नीतियों को ज़िम्मेदार ठहराया. उन्होंने नीति आयोग की एक रिपोर्ट के हवाले से ट्वीट किया, 'नीति आयोग की स्कूली शिक्षा संबंधी रैंकिग के मामले में उत्तर प्रदेश और उत्तराखण्ड देश में सबसे निचले पायदान पर हैं.' मायावती ने पूछा, 'देश और प्रदेश में सर्वाधिक समय तक शासन करने वाली पार्टियां खासकर कांग्रेस तथा भाजपा आज गांधी जयंती के दिन क्या जनता को जवाब दे पाएंगी कि ऐसी शर्मनाक जनबदहाली क्यों?'
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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं