मायावती (फाइल फोटो)
बसपा प्रमुख मायावती ने राज्यसभा से इस्तीफा देने की घोषणा की है. मंगलवार को राज्यसभा में सहारनपुर हिंसा का मुद्दा उठाते हुए बसपा प्रमुख मायावती ने इस्तीफा दे दिया है. इसको उनको बड़े सियासी पैंतरे के रूप में देखा जा रहा है :
1. दरअसल बसपा की दरकती सियासी जमीन के बीच उनका इस्तीफा अहम माना जा रहा है. दरअसल मायावती को यह लगने लगा है कि बीजेपी की नजर बसपा के कोर वोट बैंक पर है. अबकी बार के राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए और यूपीए दोनों ने ही दलित कार्ड खेला है.
2. एनडीए की ओर से जहां रामनाथ कोविंद मैदान में हैं, वहीं यूपीए की तरफ से मीरा कुमार मैदान में हैं. मौजूदा परिदृश्य में रामनाथ कोविंद का जीतना तय माना जा रहा है. बीजेपी ने ही सबसे पहले 'दलित कार्ड' खेलते हुए कोविंद को मैदान में उतारा था. इसको बसपा के कोर वोट बैंक में सेंधमारी के रूप में देखा जा रहा है.
3. अबकी बार यूपी विधानसभा चुनाव में मायावती की बसपा को महज 19 सीटें मिली हैं. बीजेपी ने 403 सदस्यीय विधानसभा में 325 सीटों का प्रचंड बहुमत मिला है. उसके बाद से ही माना जा रहा था कि बसपा के किले में बीजेपी ने जबर्दस्त सेंधमारी कर दी है.
इससे पहले बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने राज्यसभा में कहा कि सहारनपुर घटना केंद्र की साजिश थी. इसके बाद हंगामा होने लगा और मायावती ने उपसभापति को कहा कि आप मुझे बोलने नहीं देंगे तो मैं सदन से इस्तीफा दे देती हूं. इसके बाद मायावती ने राज्यसभा से इस्तीफा दे दिया.
उन्होंने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि सहारनपुर में दलितों का बड़े पैमाने पर उत्पीड़न हुआ. गुजरात के ऊना में दलितों पर अत्याचार हुआ. दलितों और छोटे तबकों के लोगों पर लगातार अत्याचार हो रहा है. मुझे शब्बीरपुर में हेलीकॉप्टर से जाने की इजाजत नहीं दी गई. सड़क के रास्ते जाना पड़ा. जब मैं गांव पहुंची तो डीएम और एसपी गायब थे. मैंने वहां कोई ऐसी बात नहीं कही जिससे समुदायों के बीच लड़ाई हो जाए. यूपी में अभी भी महाजंगलराज और महागुंडाराज है. हमें पीड़ितों की मदद के लिए भी प्रशासन से अनुमति लेनी पड़ी.
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1. दरअसल बसपा की दरकती सियासी जमीन के बीच उनका इस्तीफा अहम माना जा रहा है. दरअसल मायावती को यह लगने लगा है कि बीजेपी की नजर बसपा के कोर वोट बैंक पर है. अबकी बार के राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए और यूपीए दोनों ने ही दलित कार्ड खेला है.
2. एनडीए की ओर से जहां रामनाथ कोविंद मैदान में हैं, वहीं यूपीए की तरफ से मीरा कुमार मैदान में हैं. मौजूदा परिदृश्य में रामनाथ कोविंद का जीतना तय माना जा रहा है. बीजेपी ने ही सबसे पहले 'दलित कार्ड' खेलते हुए कोविंद को मैदान में उतारा था. इसको बसपा के कोर वोट बैंक में सेंधमारी के रूप में देखा जा रहा है.
3. अबकी बार यूपी विधानसभा चुनाव में मायावती की बसपा को महज 19 सीटें मिली हैं. बीजेपी ने 403 सदस्यीय विधानसभा में 325 सीटों का प्रचंड बहुमत मिला है. उसके बाद से ही माना जा रहा था कि बसपा के किले में बीजेपी ने जबर्दस्त सेंधमारी कर दी है.
इससे पहले बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने राज्यसभा में कहा कि सहारनपुर घटना केंद्र की साजिश थी. इसके बाद हंगामा होने लगा और मायावती ने उपसभापति को कहा कि आप मुझे बोलने नहीं देंगे तो मैं सदन से इस्तीफा दे देती हूं. इसके बाद मायावती ने राज्यसभा से इस्तीफा दे दिया.
उन्होंने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि सहारनपुर में दलितों का बड़े पैमाने पर उत्पीड़न हुआ. गुजरात के ऊना में दलितों पर अत्याचार हुआ. दलितों और छोटे तबकों के लोगों पर लगातार अत्याचार हो रहा है. मुझे शब्बीरपुर में हेलीकॉप्टर से जाने की इजाजत नहीं दी गई. सड़क के रास्ते जाना पड़ा. जब मैं गांव पहुंची तो डीएम और एसपी गायब थे. मैंने वहां कोई ऐसी बात नहीं कही जिससे समुदायों के बीच लड़ाई हो जाए. यूपी में अभी भी महाजंगलराज और महागुंडाराज है. हमें पीड़ितों की मदद के लिए भी प्रशासन से अनुमति लेनी पड़ी.
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