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This Article is From Jun 28, 2021

मायावती ने हथियार डाल दिए, हमारी पार्टी के किसी सदस्य को उठाकर दिखाए सरकार : चंद्रशेखर

Azad Samaj Party chief Chandrashekhar : चंद्रशेखर ने कहा, मैं बीजेपी सरकार को खुली चुनौती देता हूं कि वो मेरी पार्टी के किसी जिला पंचायत सदस्य को उठाकर दिखाएं. उन्हें प्रताड़ित करके दिखाएं तो हम बताएंगे कि जनता कितनी ताकतवर है.

AIMIM प्रमुख चंद्रशेखर ने बसपा सुप्रीमो मायावती पर साधा निशाना

नई दिल्ली:

उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव (UP Assembly Election 2022) के 7-8 माह पहले ही राजनीतिक गहमागहमी काफी बढ़ गई है.यूपी में सपा प्रमुख अखिलेश यादव के बाद बसपा ने भी अकेले विधानसभा चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है. बसपा सुप्रीमो मायावती ने जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव न लड़ने की घोषणा भी कर दी. वहीं सोमवार को एआईएमआईएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी (AIMIM Chief Asaduddin Owaisi) ने भी उत्तर प्रदेश में 100 सीटों पर चुनाव लड़ने पर मुहर लगा दी. ऐसे में आजाद समाज पार्टी के प्रमुख चंद्रशेखर ने भी अपनी सियासी रणनीति में आक्रामकता के संकेत दिए हैं. 

असदुद्दीन ओवैसी के 100 सीटों पर चुनाव लड़ने का यूपी में क्या होगा असर?

आजाद समाज पार्टी के प्रमुख चंद्रशेखर (Azad Samaj Party chief Chandrashekhar) ने कहा कि मायावती अपनी पार्टी की अध्यक्ष हैं, उनकी अपनी रणनीति है. हर कार्यकर्ता महसूस करता है कि उनका लीडर उनके साथ खड़ा हो. लेकिन एक बड़ी पार्टी के नेता द्वारा जिला पंचायत के चुनाव में हाथ पीछे खींच लेना, आत्मसमर्पण कर देना, सरकार को खुली छूट या तानाशाही की इजाजत देने जैसा है. इसे वॉकओवर भी कहते हैं. लेकिन मैं बुआजी पर ज्यादा नहीं बोलूंगा. मैं अपनी पार्टी की रणनीति पर ध्यान दूंगा. बसपा सुप्रीमो मायावती के पंचायत चुनाव के बाद जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव से हटना पार्टी कार्यकर्ताओं के लिए झटका है.

मायावती का बड़ा ऐलान- 'नहीं लड़ेंगे जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव' बोलीं- सपा की गलती दोहरा रही BJP

जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव मायावती द्वारा न लड़ने का क्या संकेत है, इस पर चंद्रशेखर ने कहा कि चुनाव के दौरान भी बीजेपी की सरकार रहेगी, क्या वो तब तानाशाही नहीं करेगी. बीजेपी लोकतंत्र के साथ पुलिस और प्रशासन का दुरुपयोग कर रही है. बीजेपी बड़े पैमाने पर गुंडागर्दी कर रही है. जिला पंचायत सदस्यों को पीटा भी गया है. लेकिन अपने कार्यकर्ता के साथ कनेक्शन नहीं है. कई जगहों पर सपा -बसपा, आरएलडी के जिला पंचायत सदस्यों को पीटा भी गया है. जबरन मुकदमे भी ठोके गए हैं. लेकिन मायावती की पार्टी का उनके कार्यकर्ताओं से कनेक्शन नहीं है. 

चंद्रशेखर ने कहा, मैं बीजेपी सरकार को खुली चुनौती देता हूं कि वो मेरी पार्टी के किसी जिला पंचायत सदस्य को उठाकर दिखाएं. उन्हें प्रताड़ित करके दिखाएं तो हम बताएंगे कि जनता कितनी ताकतवर है. ये समझ लेना चाहिए कि सरकार स्थायी नहीं है. प्रशासनिक अधिकारियों को भी यह समझना चाहिए कि योगी सरकार 6-7 महीने से ज्यादा नहीं चलेगा, यूपी की जनता इसे उखाड़ फेंकेगी.

कार्यकर्ता पार्टी की रीढ़ होता है, जब उसका भरोसा टूट जाता है तो वो काम क्या करेगा. हम लोग एक जुलाई से बहुजन साइकिल यात्रा शुरू कर रहे हैं, जिसमें यूपी सरकार की नाकामियों को उजागर किया जाएगा. हालांकि ओवैसी के 100 सीटों पर चुनाव लड़ने के ऐलान पर उन्होंने कुछ टिप्पणी करने से इनकार कर दिया.

चंद्रशेखर ने कहा कि बसपा संस्थापक कांशीराम का जन्मदिन 15 मार्च को है और उसी दिन पार्टी की स्थापना की. हम कांशीराम के सिद्धांतों पर चल रहे हैं, उन्हें अपनी ओर खींच नहीं रहे हैं. बीजेपी में दलित समाज को ज्यादा प्रतिनिधित्व दिए जाने पर उन्होंने कहा कि एससी-एसटी समाज प्रसाद खाने के लिए नहीं बल्कि अपने अधिकारों की लड़ाई लड़ रहा है. 

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