बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने सीएए और एनआरसी के विरोध में संघर्ष करने वाली महिलाओं के खिलाफ दर्ज मामले वापस लेने की मांग की है. मायावती ने ट्वीट किया, ''सीएए-एनआरसी आदि के विरोध में संघर्ष करने वाली महिलाओं समेत जिन लोगों के भी खिलाफ उत्तर प्रदेश की बीजेपी सरकार द्वारा गलत मुकदमे दर्ज किए गए हैं उन्हें तुरन्त वापस लिया जाए.' उन्होंने कहा कि सीएए और एनआरसी के विरोध में संघर्ष के दौरान जान गंवाने वालों के परिवार वालों की सरकार को उचित मदद करना चाहिए. शहर के घंटाघर इलाके में 17 जनवरी से सीएए के खिलाफ धरना चल रहा है. उत्तर प्रदेश पुलिस ने शनिवार को एक महिला सहित 10 लोगों को गिरफ्तार किया और निषेधाज्ञा के उल्लंघन के लिए 100 महिला प्रदर्शनकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया.
CAA/NRC आदि के विरोध में संघर्ष करने वाली महिलाओं समेत जिन लोगों के भी खिलाफ यूपी बीजेपी सरकार द्वारा गलत मुकदमे दर्ज किए गए हैं उन्हें तुरन्त वापस लिया जाए और इस दौरान जिनकी जान गई है तो सरकार उनकी भी उचित मदद करे, यह BSP की मांग है।
— Mayawati (@Mayawati) January 27, 2020
ठाकुरगंज के थाना प्रभारी प्रमोद मिश्रा ने बताया था कि 10 महिलाओं और सौ अज्ञात महिलाओं के खिलाफ निषेधाज्ञा का उल्लंघन करने के आरोप में मामला दर्ज किया गया है. यह लोग घंटाघर पर प्रदर्शन कर रहे थे. उन्होंने बताया कि इसके अलावा आठ लोगों को गिरफ्तार किया गया है. इनमें पूजा शुक्ला और सात पुरुष कार्यकर्ता शामिल है. दिल्ली के शाहीन बाग में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ चल रहे प्रदर्शन की तर्ज पर लखनऊ के घंटाघर पर प्रदर्शन हो रहा है. महिला प्रदर्शनकारियों का कहना है कि जब तक केंद्र सरकार सीएए और एनआरसी को वापस नहीं लेती, तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा.
मैं डंके की चोट पर कह रहा हूं CAA वापस नहीं होगा: अमित शाह
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