लखनऊ:
उत्तर प्रदेश में कानून-व्यवस्था की हालत को चिंताजनक बताते हुए बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने सोमवार को कहा कि राज्यपाल को यहां राष्ट्रपति शासन लगाए जाने की संस्तुति करनी चाहिए।
प्रदेश की राजधानी लखनऊ में संवाददताओं से बातचीत करते हुए मायावती ने अखिलेश सरकार को जमकर खरी-खोटी सुनाई।
मायावती ने कहा, "कानून-व्यवस्था, भ्रष्टाचार एवं सपा के शासनकाल में हुए दंगों को संज्ञान में लेते हुए राज्यपाल को उत्तर प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने की सिफारिश करनी चाहिए।"
मायावती ने बसपा प्रदेश संगठन की समीक्षा तथा लोकसभा चुनाव समय से पूर्व होने की संभावनाओं के साथ-साथ बदल रही राजनीतिक परिस्थतियों पर बुलाई गई बैठक में हिस्सा लेने से पहले संवाददाताओं से बातचीत के दौरान ये बातें कहीं। उन्होंने कहा कि देश के अन्य राज्यों की तुलना में उत्तर प्रदेश में तेजी से बढ़ रहे अपराध, दुष्कर्म और भ्रष्टाचार ने जनता को पूरी तरह त्रस्त कर दिया है। राज्यपाल को इन मामलों को संज्ञान में लेते हुए खुद जानकारी हासिल कर राष्ट्रपति शासन लगाए जाने की सिफारिश करनी चाहिए।
मायावती ने कहा कि हालांकि वह खुद भी राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मिलकर राष्ट्रपति शासन लगाए जाने की मांग कर सकती हैं।
उत्तर प्रदेश विधानसभा के 125 साल पूरे होने पर यहां चल रहे समारोह में शामिल होने के बारे में पूछे जाने पर मायावती ने कहा, "यह आयोजन सरकारी कम, राजनीतिक ज्यादा है। इसलिए मेरे जैसे लोगों का इस कार्यक्रम में हिस्सा लेना उचित नहीं।"
प्रदेश की राजधानी लखनऊ में संवाददताओं से बातचीत करते हुए मायावती ने अखिलेश सरकार को जमकर खरी-खोटी सुनाई।
मायावती ने कहा, "कानून-व्यवस्था, भ्रष्टाचार एवं सपा के शासनकाल में हुए दंगों को संज्ञान में लेते हुए राज्यपाल को उत्तर प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने की सिफारिश करनी चाहिए।"
मायावती ने बसपा प्रदेश संगठन की समीक्षा तथा लोकसभा चुनाव समय से पूर्व होने की संभावनाओं के साथ-साथ बदल रही राजनीतिक परिस्थतियों पर बुलाई गई बैठक में हिस्सा लेने से पहले संवाददाताओं से बातचीत के दौरान ये बातें कहीं। उन्होंने कहा कि देश के अन्य राज्यों की तुलना में उत्तर प्रदेश में तेजी से बढ़ रहे अपराध, दुष्कर्म और भ्रष्टाचार ने जनता को पूरी तरह त्रस्त कर दिया है। राज्यपाल को इन मामलों को संज्ञान में लेते हुए खुद जानकारी हासिल कर राष्ट्रपति शासन लगाए जाने की सिफारिश करनी चाहिए।
मायावती ने कहा कि हालांकि वह खुद भी राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मिलकर राष्ट्रपति शासन लगाए जाने की मांग कर सकती हैं।
उत्तर प्रदेश विधानसभा के 125 साल पूरे होने पर यहां चल रहे समारोह में शामिल होने के बारे में पूछे जाने पर मायावती ने कहा, "यह आयोजन सरकारी कम, राजनीतिक ज्यादा है। इसलिए मेरे जैसे लोगों का इस कार्यक्रम में हिस्सा लेना उचित नहीं।"
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