Mayawati on Alwar Gangrape case: अलवर रेप कांड पर मायावती
नई दिल्ली: राजस्थान के अलवर में पति के सामने महिला की गैंगरेप की घटना से आक्रोश का माहौल है. अब इस मामले में बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी दोषियों को सजा देने की मांग की है. मायावती ने कहा है कि अलवर गैंगरेप केस के दोषियों को अंतिम सांस तक फांसी की सजा मिलनी चाहिए. उन्होंने इस मामले में कांग्रेस सरकार पर भी हमला बोला और है सुप्रीम कोर्ट से राज्य की कांग्रेस सरकार के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है. बता दें कि 26 अप्रैल को अलवर में मोटरसाइकिल से दंपत्ति जा रहे थे, तभी आरोपियों ने उनकी बाइक रोक कर महिला से उसके पति के सामने गैंगरेप किया और उसका वीडियो भी रिकॉर्ड किया.
अलवर गैंगरेप केस : पीड़िता का आरोप, कार्रवाई के लिए चुनाव बीतने का इंतजार करती रही पुलिस
बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि अलवर गैंगरेप को दोषी को फांसी पर लटका देना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट को राज्य की कांग्रेस सरकार, पुलिस और प्रशासन के खिलाफ कार्रवाई करना चाहिए. यह मामला सिर्फ दलित से जुड़ा नहीं, बल्कि पूरी महिला से जुड़ा है. लोकसभा चुनाव 2019 में जो राजनेता महिलाओं के खिलाफ अपमानजनक बयानबाजी कर रहे हैं चुनाव आयोग उन पर उचित कार्रवाई नहीं कर रहा है.
अलवर गैंगरेप और उसके बाद हुई कार्रवाई पर बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. मायावती ने कहा है कि 'राजस्थान की कांग्रेस सरकार अपने राजनैतिक स्वार्थ के लिए पीड़ित परिवार को धमका कर मामले को दबा रही है. इस अतिघृणित घटना को वहां की कांग्रेसी सरकार ने अपने राजनीतिक स्वार्थ में सबंधित पीड़ित परिवरा को डरा धमका के इसे तब तक वहां उजागर नहीं होने दिया जब तक वहां पर उस सीट के वोट नहीं पड़ गए. क्या ऐसे में वहां के कांग्रेसी सरकार के चलते उस दलित महिला को इंसाफ मिलेगा मैं समझती हूं.. नहीं.'
बता दें कि राजस्थान के अलवर में सामूहिक बलात्कार पीड़िता की मदद के मामले में देरी कर रही पुलिस के खिलाफ राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग एफआईआर दर्ज करने की मांग की है. इस मामले की जांच में देरी को लेकर राजस्थान पुलिस पर सवाल उठ रहे हैं. घटना 26 अप्रैल की लेकिन एफआईआर 30 अप्रैल को दर्ज की गई और 7 दिन बाद पुलिस ने कार्रवाई शुरू हुई. आरोप है कि चुनाव के कारण पुलिस ने इसमें देरी की. अलवर में 6 मई को चुनाव हुए थे. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने लापरवाही के आरोप में एसपी और इलाक़े के एसएचओ का तबादला कर दिया है. मामले की जांच के लिए शुक्रवार को राष्ट्रीय एससी आयोग की टीम भी पहुंची थी जिसने लापरवाही की बात मानी है और दोषी पुलिस अधिकारियों के ख़िलाफ़ कार्रवाई की सिफ़ारिश की है. राजस्थान सरकार ने भी मामले की जांच डिविज़नल कमिश्नर स्तर के अधिकारी को सौंपी है. वहीं भीम आर्मी ने कल इस घटना को लेकर जयपुर में विरोध प्रदर्शन भी किया था.
राजस्थान के अलवर में पति के सामने महिला से गैंगरेप का चौथा आरोपी भी हुआ गिरफ्तार
पीड़ित महिला के पति ने बताया कि उसकी पत्नी के साथ 26 अप्रैल को सामूहिक बालात्कार हुआ था और 30 अप्रैल को पुलिस को सूचना दे दी गई लेकिन एफआईआर 7 मई को दर्ज हुई. महिला के पति ने आरोप लगाया कि पुलिस ने चुनाव की वजह से जल्द कार्रवाई नहीं की. बता दें राजस्थान में 29 अप्रैल और 6 मई को दो चरणों में लोकसभा का चुनाव संपन्न हुआ है. वहीं पुलिस ने बताया कि उसने सभी छह आरोपियों - इंद्र राज गुर्जर, महेश गुर्जर, अशोक गुर्जर, हंसराज गुर्जर, छोटे लाल गुर्जर और मुकेश गुर्जर को गिरफ्तार कर लिया है.
ये घटना 26 अप्रैल को उस वक्त हुई जब महिला अपने पति के साथ मोटरसाइकिल पर जा रही थी. तभी दो बाइकसवार ने उन्हें अलवर में रोका और खेत में ले गए. यहां इन लोगों ने कथित रूप से पति की पिटाई की और महिला के साथ बलात्कार किया. पति का आरोप है कि महेश गुर्जर नाम के आरोपी ने इस घटना का अपने फोन में वीडियो भी बनाया था. इस मामले के सामने आने के बाद मंगलवार को, राजस्थान सरकार ने अलवर के पुलिस प्रमुख राजीव पाचर को हटा दिया और एक अन्य अधिकारी सरदार सिंह को निलंबित कर दिया, जो उस थाने के प्रभारी थे, जहां पीड़िता ने संपर्क किया था. इसके अलावा चार और पुलिसकर्मियों को ड्यूटी से हटाया है.
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