जम्मू-कश्मीर के आतंकी हमले में शहीद हुए लेफ़्टिनेंट कर्नल संकल्प शुक्ला का शव उनके पैतृक घर रांची पहुंचा है। जब शव घर पहुंचा तो घरवालों का रो−रोकर बुरा हाल हो गया।
वहीं, बठिंडा के रहने वाले लांस नायक सुखविंदर सिंह के शहीद होने की ख़बर से गांव में मातम का माहौल है। सबकी आंखों में आंसू हैं। उन्हें गर्व है कि उनके गांव के बेटे ने आतंकियों को कड़ी टक्कर देकर उनके हमले को नाकाम कर दिया।
आतंकियों से लड़ते हुए गुरदासपुर के अवान गांव के मनप्रीत सिंह भी शहीद हुए हैं। मनप्रीत के परिजनों को शुक्रवार दोपहर सेना के अधिकारियों ने जानकारी दी कि किस तरह बहादुरी से मनप्रीत लड़े। शहीद मनप्रीत के घर पूरा गांव जुटा हुआ है और परिजनों को सांत्वना दे रहा है।
शहीद होने वालों में अमृतसर के जवान सतनाम सिंह भी हैं। कल देर शाम जब उनका शव पैतृक गांव पहुंचा तो पूरा गांव नम आंखों से उन्हें विदाई देने के लिए इकट्ठा हुआ। सतनाम का अंतिम संस्कार पूरे सैनिक सम्मान के साथ किया गया।
सतनाम के पिता का कहना है कि उन्हें अपने बेटे की शहादत पर गर्व है, लेकिन उन्हें शर्म आती है कि भारत में घुसकर आतंकी हमारे जवानों को मार देते हैं, लेकिन सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठी रहती है।
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