यह ख़बर 31 मई, 2011 को प्रकाशित हुई थी

राजा के बाद अब मारन भी स्पेक्ट्रम विवाद में...

खास बातें

  • कांग्रेस ने जहां इन आरोपों से अपना पल्ला झाड़ लिया वहीं भाजपा ने इस मामले में प्रधानमंत्री से स्पष्टीकरण मांगा है।
नई दिल्ली:

द्रमुक नेता एवं केन्द्रीय कपड़ा मंत्री दयानिधि मारन भी अब स्पेक्ट्रम आवंटन घोटाले के आरोपों के दायरे में आ गए हैं। कांग्रेस ने जहां इन आरोपों से अपना पल्ला झाड़ लिया वहीं भाजपा ने इस मामले में प्रधानमंत्री से स्पष्टीकरण मांगा है। मारन पर आरोप है कि उन्होंने दूरसंचार मंत्री के पद पर रहते हुए अपने अधिकारों का दुरुपयोग किया और अपने परिवार के स्वामित्व वाले सन टीवी को लाभ पहुंचाया। भाजपा के प्रवक्ता रविशंकर प्रसाद ने कहा, प्रधानमंत्री पूर्व दूरसंचार मंत्री ए राजा को निर्दोष बताने की गलती पहले ही कर चुके हैं, जो अब जेल में हैं। प्रधानमंत्री को अब अपनी वह पुरानी गलती दोहराए बिना मलेशियाई कंपनी मैक्सिस समूह द्वारा सन टीवी समूह को लाभ पंहुचाने के मामले की जांच के तुरंत आदेश देने चाहिए। आरोप है कि एयरसेल में 74 प्रतिशत अंशधारक मैक्सिस की ओर से मारन बंधुओं के टीवी में 600 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया गया। प्रसाद ने कहा कि इस बात की जांच होनी चाहिए कि मारन के दूरसंचार मंत्री रहते 2006 में किन परिस्थितियों में मैक्सिस ने एयरसेल का अधिग्रहण किया। उन्होंने कहा, यह आरोप है कि मारन ने दूरसंचार मंत्री रहते एयरसेल के लाइसेंस और स्पेक्ट्रम संबंधी आवेदनों को मंजूरी नहीं दी थी। इसके चलते एयरसेल ने मारन के परिवार के करीबी मैक्सिस को अपने 74 प्रतिशत शेयर बेच दिए।


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