एक तरफ जहां कोरोना संकट के बीच दिल्ली सरकार ने अहम फैसला लेते हुए 9वीं और 11वीं कक्षा की परीक्षाएं रद्द कर दी हैं तो दूसरी ओर शुक्रवार को दिल्ली के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक को पत्र लिखा है. इस पत्र में 12वीं क्लास की मूल्यांकन नीति को लेकर सिसोदिया ने केंद्रीय शिक्षा मंत्री को सुझाव दिये हैं. 25 मई को लिखे अपने पत्र का उल्लेख करते हुए सिसोदिया ने कहा, मूल्यांकन के लिए इसे बनाया जाए आधार-
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- 12वीं की प्री-बोर्ड परीक्षा: वेटेज 30
- 11वीं की वार्षिक परीक्षा: वेटेज 20
- 10वीं की बोर्ड परीक्षा: वेटेज 20
- 12वीं के रिजल्ट के लिए मॉडरेशन की रेंज +5/-5 की जाए
- जिन स्कूल ऑफ एक्सेलेंस के बच्चे पहली बार 12वीं की परीक्षा देने वाले थे, उनके लिए नजदीकी स्कूल ऑफ एक्सेलेंस के हिस्टोरिकल रेफरेंस को आधार बनाया जाए.
इससे पहले दिल्ली सरकार ने अहम फैसला लेते हुए 9वीं और 11वीं कक्षा की परीक्षाएं रद्द कर दी हैं. दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने 9वीं और 11वीं कक्षा की परीक्षाएं रद्द करने की घोषणा की है.
जानकारी के मुताबिक, जिन प्राइवेट स्कूलों ने अपने मिड-टर्म और एनुअल एग्जाम पहले ही करवा लिए थे, वो अब उसी आधार पर अपने छात्रों का रिजल्ट घोषित कर सकते हैं. लेकिन जिन स्कूलों में केवल मिड टर्म परीक्षाएं ही हो पाई थीं और वार्षिक परीक्षाएं नहीं हो सकी थीं, चाहें वह सरकारी स्कूल हो या प्राइवेट स्कूल हो, वह सभी स्कूल अपने मिड टर्म एग्जाम के आधार पर 9वीं और 11वीं का रिजल्ट घोषित करेंगे.
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वहीं, जिन स्कूलों में मिड टर्म एग्जाम भी नहीं हो पाए थे या फिर कुछ सब्जेक्ट्स के ही हुए थे और एग्जाम पूरे नहीं हुए थे. ऐसे सभी स्कूलों में बच्चों ने जिन दो विषयों में सबसे अच्छा प्रदर्शन किया होगा, उसी के आधार पर उनको अगली कक्षा में प्रमोट किया जाएगा और बाकी विषयों में भी अंक देकर मार्क शीट तैयार की जाएगी.
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