इंफाल में भूकम्प प्रभावित इलाके का दृश्य।
नई दिल्ली:
मणिपुर में भूकम्प से मरने वालों की संख्या छह हो गई है। दो अन्य व्यक्तियों की भी मौत होने की खबर है, लेकिन इसकी पुष्टि अब तक नहीं हुई है। इस जलजले में घायलों की संख्या बढ़कर 100 से ज्यादा हो गई है। मणिपुर की राजधानी इम्फाल के भूकम्प प्रभावित इलाकों का हवाई दौरा करने के बाद गृह राज्य मंत्री किरण रिजीजू ने आशंका जताई है कि प्रभावित लोगों की संख्या और ज्यादा हो सकती है। इम्फाल में सबसे ज्यादा असर महिलाओं द्वारा संचालित इमा मार्केट में दिखा, जहां काफी नुकसान हुआ है।
तीन टीमें मणिपुर और सिलचर भेजी गईं
केंद्र सरकार की तरफ से अब तक नेशनल डिजास्टर रेस्पोंस फोर्स की तीन टीमें मणिपुर और सिलचर के प्रभावित इलाकों में भेजी गई हैं। नेशनल डिजास्टर रेस्पोंस फोर्स के डीआईजी जेकेएस रावत ने NDTV इंडिया से कहा कि टीम के साथ मलबे में दबे लोगों का पता लगाने के लिए विशेष तौर पर प्रशिक्षित 6 खोजी कुत्ते, राहत बचाव के काम के लिए जरूरी उपकरण, मेडिकल इक्विपमेन्ट्स और दवाइयां भी भेजी गई हैं।
नेशनल डिजास्टर रेस्पोंस फोर्स की टीमें दूरदराज के इलाकों में हुए नुकसान का जायजा लेने के बाद जो रिपोर्ट हेडक्वार्टर को भेजेंगी उसके आधार पर आगे की राहत और बचाव की दिशा तय की जाएगी।
इलाके के नागरिकों को सतर्क रहने की सलाह
मौसम भवन में भूकम्प विभाग के डायरेक्टर जेएल गौतम ने NDTV इंडिया से कहा कि सबसे ज्यादा प्रभावित मणिपुर के तामेंगलांग जिले के आसपास के करीब 100 किलोमीटर इलाके में होने की आशंका है। गौतम ने कहा कि सुबह 4.35 बजे आए बड़े भूकम्प के बाद 3.6 की तीव्रता वाला एक आफ्टरशॉक इलाके में रिकॉर्ड किया गया है। उनके मुताबिक कई मामलों में कई दिनों तक आफ्टरशॉक्स प्रभावित इलाकों में महसूस किए जाते हैं। इससे लोगों को घबराने की जरुरत नहीं है। हालांकि उन्हें सावधान जरूर रहना होगा। मौजूदा परिस्थिति में प्रभावित इलाकों में रह रहे लोगों को इस बात का ध्यान रखना होगा कि वे भूकम्प से कमजोर पड़ चुकी इमारतों में न रहें और आसपास की गतिविधियों को लेकर सतर्क रहें।
तीन टीमें मणिपुर और सिलचर भेजी गईं
केंद्र सरकार की तरफ से अब तक नेशनल डिजास्टर रेस्पोंस फोर्स की तीन टीमें मणिपुर और सिलचर के प्रभावित इलाकों में भेजी गई हैं। नेशनल डिजास्टर रेस्पोंस फोर्स के डीआईजी जेकेएस रावत ने NDTV इंडिया से कहा कि टीम के साथ मलबे में दबे लोगों का पता लगाने के लिए विशेष तौर पर प्रशिक्षित 6 खोजी कुत्ते, राहत बचाव के काम के लिए जरूरी उपकरण, मेडिकल इक्विपमेन्ट्स और दवाइयां भी भेजी गई हैं।
नेशनल डिजास्टर रेस्पोंस फोर्स की टीमें दूरदराज के इलाकों में हुए नुकसान का जायजा लेने के बाद जो रिपोर्ट हेडक्वार्टर को भेजेंगी उसके आधार पर आगे की राहत और बचाव की दिशा तय की जाएगी।
इलाके के नागरिकों को सतर्क रहने की सलाह
मौसम भवन में भूकम्प विभाग के डायरेक्टर जेएल गौतम ने NDTV इंडिया से कहा कि सबसे ज्यादा प्रभावित मणिपुर के तामेंगलांग जिले के आसपास के करीब 100 किलोमीटर इलाके में होने की आशंका है। गौतम ने कहा कि सुबह 4.35 बजे आए बड़े भूकम्प के बाद 3.6 की तीव्रता वाला एक आफ्टरशॉक इलाके में रिकॉर्ड किया गया है। उनके मुताबिक कई मामलों में कई दिनों तक आफ्टरशॉक्स प्रभावित इलाकों में महसूस किए जाते हैं। इससे लोगों को घबराने की जरुरत नहीं है। हालांकि उन्हें सावधान जरूर रहना होगा। मौजूदा परिस्थिति में प्रभावित इलाकों में रह रहे लोगों को इस बात का ध्यान रखना होगा कि वे भूकम्प से कमजोर पड़ चुकी इमारतों में न रहें और आसपास की गतिविधियों को लेकर सतर्क रहें।
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