बीते शनिवार को 800 से ज्यादा ऐसी वेबसाइटों को प्रतिबंधित कर दिया गया, जो भारत सरकार के मुताबिक 'पोर्न' परोस रही थीं। सुप्रीम कोर्ट ने जिस व्यक्ति की जनहित याचिका के आधार पर यह आदेश दिया, वह इंदौर हाईकोर्ट के वकील कमलेश वासवानी हैं।
मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, कमलेश वासवानी इस बात से साफ इनकार करते हैं कि यह बैन व्यक्तिगत आज़ादी का उल्लंघन है। वासवानी का कहना है कि बलात्कार का रिश्ता पोर्न से है। बीबीसी में छपी ख़बर के मुताबिक, वासवानी कहते हैं कि पोर्न देखने के बाद लोग बच्चों और महिलाओं से बलात्कार करते हैं, और बलात्कार कांड के कई अभियुक्त कह चुके हैं कि उन्होंने पोर्न देखने के बाद ही वारदात को अंजाम दिया था।
वासवानी का कहना है कि बच्चे खुद अदालत जा नहीं सकते और महिलाएं इस तरह की बातों से बचना चाहती हैं, सो, ऐसे में उन्होंने खुद अदालत जाने का फैसला किया। वासवानी ने 850 वेबसाइटों की सूची अदालत को सौंपी और सरकार उन्हें ब्लॉक करने के लिए तैयार हो गई।
हालांकि अब दूरसंचार मंत्री रविशंकर प्रसाद ने टेलीकॉम कंपनियों से कहा है कि वे तुरंत उन वेबसाइटों पर से प्रतिबंध हटा दें, जिनमें अश्लील सामग्री (पोर्न) नहीं है। उन्होंने कहा, कुछ लोग हमारी सरकार को 'तालिबानी सरकार' कह रहे हैं और मैं आलोचना करते हुए उनके बयानों को खारिज करता हूं, क्योंकि हमारी सरकार फ्री मीडिया की समर्थक है।
मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, कमलेश वासवानी इस बात से साफ इनकार करते हैं कि यह बैन व्यक्तिगत आज़ादी का उल्लंघन है। वासवानी का कहना है कि बलात्कार का रिश्ता पोर्न से है। बीबीसी में छपी ख़बर के मुताबिक, वासवानी कहते हैं कि पोर्न देखने के बाद लोग बच्चों और महिलाओं से बलात्कार करते हैं, और बलात्कार कांड के कई अभियुक्त कह चुके हैं कि उन्होंने पोर्न देखने के बाद ही वारदात को अंजाम दिया था।
वासवानी का कहना है कि बच्चे खुद अदालत जा नहीं सकते और महिलाएं इस तरह की बातों से बचना चाहती हैं, सो, ऐसे में उन्होंने खुद अदालत जाने का फैसला किया। वासवानी ने 850 वेबसाइटों की सूची अदालत को सौंपी और सरकार उन्हें ब्लॉक करने के लिए तैयार हो गई।
हालांकि अब दूरसंचार मंत्री रविशंकर प्रसाद ने टेलीकॉम कंपनियों से कहा है कि वे तुरंत उन वेबसाइटों पर से प्रतिबंध हटा दें, जिनमें अश्लील सामग्री (पोर्न) नहीं है। उन्होंने कहा, कुछ लोग हमारी सरकार को 'तालिबानी सरकार' कह रहे हैं और मैं आलोचना करते हुए उनके बयानों को खारिज करता हूं, क्योंकि हमारी सरकार फ्री मीडिया की समर्थक है।
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