
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी एक जनसभा को संबोधित करते हुए तृणमूल कांग्रेस के बागियों पर बरस पड़ीं. ममता बनर्जी अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए उत्तर पश्चिम बंगाल में जनसभा कर रही थीं. ममता बनर्जी ने कहा कि ऐसे लोग कभी वफादार नहीं बन पाते हैं, जो पार्टी की सफलता से खुद को लाभ पहुंचाते हैं। लेकिन समय आने पर अपनी ही पार्टी के खिलाफ हो जाते हैं.
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मुख्यमंत्री ने तृणमूल के बागी नेताओं पर निशाना साधते हुए कहा कि 10 साल तक पार्टी की सुविधाएं लीं. सरकार का खाया और चुनाव से ठीक पहले पार्टी और सरकार की खिलाफत करने लगे. हम इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे.
बता दें कि मुख्यमंत्री बिना नाम लिए शुभेंदु अधिकारी के बागी तेवर पर निशाना साध रही थीं. उन्होंने पिछले दिनों पर्यटन मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था. इससे पहले वो हुगली रिवर ब्रिज कमीशन (HRBC) के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे चुके थे. शुभेंदु के टीएमसी छोड़कर बीजेपी में जाने की अटकलें तेज है, क्योंकि बीजेपी ने उनके लिए पार्टी में स्वागत के लिए दरवाजे खोल रखे हैं. ऐसे में चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर और ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी ने खुद उनसे मुलाकात कर उनकी नाराजगी को दूर करने की कोशिश की थी. लेकिन वह नहीं माने.
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जनसभा में ममता बनर्जी ने कहा, "जो कार्यकर्ता 365 दिन पार्टी के साथ हैं, उन्हें हमेशा परीक्षा देनी होगी. यदि आपने गलतियां की है, तो अपने आप को सुधारें. विरोधियों को कमजोर करने के लिए पुराने और नए कार्यकर्ताओं को एक साथ आगे आना होगा. उन्हें मिलजुलकर काम करना चाहिए. कौन बड़ा है? ए या बी या सी. इसको लेकर परेशान न हों. जब यह युद्ध है, तो युद्ध जीतना ही एकमात्र सपना होना चाहिए. हम सभी का एकमात्र उद्देश्य पश्चिम बंगाल से बीजेपी को निकाल फेंकना है.
उन्होंने कहा, “बीजेपी हिंदू वोट ले लेगी. हैदराबाद की पार्टी अल्पसंख्यकों के वोट ले लेगी. तो मैं क्या यहां कच्चे केले खाऊंगी!” उन्होंने कहा कि केंद्र के पास राज्य सरकार का 85 हजार करोड़ रुपये बकाया है. राज्य को केंद्र से एक पैसे भी नहीं मिल रहे हैं. वे कहते हैं कि केंद्र का पैसा है. केंद्र को पैसे कहां से मिलते हैं. राज्यों से केंद्र को राजस्व मिलता है. उसमें से 40 फीसदी हिस्सा राज्य का होता है. वही राज्यों को मिलता है.
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