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This Article is From Dec 20, 2019

ममता बनर्जी की मांग- NRC और CAA पर हो जनमत संग्रह, UN करे निगरानी

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भाजपा को चेतावनी देते हुए कहा कि वह संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) और प्रस्तावित राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) पर संयुक्त राष्ट्र की निगरानी में जनमत संग्रह कराए

ममता बनर्जी की मांग- NRC और CAA पर हो जनमत संग्रह, UN करे निगरानी
ममता बनर्जी ने एकबार फिर दोहराया कि CAA और NRC को पश्चिम बंगाल में लागू नहीं करने दिया जाएगा
कोलकाता:

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भाजपा को चेतावनी देते हुए कहा कि वह संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) और प्रस्तावित राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) पर संयुक्त राष्ट्र की निगरानी में जनमत संग्रह कराए और यदि वह ''व्यापक मत'' हासिल करने में विफल रहती है तो उसे सत्ता छोड़नी होगी. बनर्जी ने यहां रानी रशमोनी एवेन्यू में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा कि भाजपा CAA के खिलाफ हो रहे प्रदर्शनों को देश में हिन्दू और मुसलमानों के बीच लड़ाई के रूप में पेश करने की कोशिश कर रही है. 

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तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ''भाजपा को बहुमत मिला है, इसका मतलब यह नहीं है कि जो वह चाहती है, कर सकती है. यदि भाजपा में साहस है तो उसे सीएए और एनआरसी के मुद्दे पर संयुक्त राष्ट्र की निगरानी में जनमत संग्रह कराना चाहिए.'' उन्होंने कहा, ''यदि भाजपा व्यापक मत हासिल करने में विफल रहती है तो तब उसे सत्ता छोड़ देनी चाहिए.'' ममता की टिप्पणी पर भाजपा की तीखी प्रतिक्रिया आई. भाजपा ने तृणमूल प्रमुख से कहा कि वह खुद को ‘हंसी का पात्र' न बनाए. केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो ने कहा, “क्या उन्हें पता है वह क्या कह रही हैं? उन्हें खुद को हंसी का पात्र नहीं बनाना चाहिए. मुझे लगता है कि उनके सलाहकारों ने उन्हें अच्छी सलाह देना बंद कर दिया है.”

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बनर्जी ने दावा किया कि उन्हें सूचना मिली है कि भाजपा अपने कैडरों के लिए टोपियां खरीद रही है जो इन्हें पहनकर एक खास समुदाय की छवि खराब करने के लिए तोड़फोड़ कर रहे हैं. बनर्जी ने एकबार फिर दोहराया कि विवादास्पद कानून और प्रस्तावित एनआरसी को पश्चिम बंगाल में लागू नहीं करने दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि भाजपा की स्थापना 1980 में हुई थी और वह नागरिकता दस्तावेज 1970 के मांग रही है. उन्होंने कहा कि प्रदर्शनों को रोकने के लिए देश के विभिन्न हिस्सों में निषेधाज्ञा लागू करने के बावजूद भाजपा सफल नहीं होगी. 

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